जीतनगर में 1500 परिवार पीने के पानी को तरसे
नगर से सटे गांव जीतनगर में पीने के पानी का संकट है। ग्रामीणों को नियमित पानी नहीं मिल रहा है। गर्मी बढ़ने से प्राकृतिक स्रोत भी सूखने लगे हैं। ग्रामीणों ने विभाग से पेयजल किल्लत को दूर करने की गुहार...
नगर से सटे गांव जीतनगर में पीने के पानी का संकट है। ग्रामीणों को नियमित पानी नहीं मिल रहा है। गर्मी बढ़ने से प्राकृतिक स्रोत भी सूखने लगे हैं। ग्रामीणों ने विभाग से पेयजल किल्लत को दूर करने की गुहार लगाई है। नगर की पेयजल योजना पुरानी होने से जर्जर हो चुकी है। जीतनगर की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है। ग्रामीणों को क्षमता के अनुसार पीने का पानी नहीं मिल रहा है। कई बार गांव में तीन दिन बाद पानी की आपूर्ति होती है। ग्रामीणों को हैंडपंप और प्राकृतिक स्रोतों से पीने का पानी लाना पड़ रहा है। अन्य काम के लिए ग्रामीण सरयू नदी से पानी ढो रहे हैं। ग्रामीण रजनी गुप्ता ने कहा कि गांव में नियमित पानी नहीं आता है।
कई बार रात को भी विभाग आपूर्ति करता है। जिससे लोगों को रतजगा करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। कौशल उपाध्याय ने बताया कि गांव की आबादी लगातार बढ़ रही है, लेकिन योजना की क्षमता नहीं बढ़ाई गई है। जिससे लोगों को पेजयल संकट का सामना करना पड़ रहा है। कमला देवी ने बताया कि पीने के लिए स्रोतों से पानी का इंतजाम करना पड़ रहा है। कपड़े धोने और अन्य कामों के लिए सरयू नदी से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने विभाग से जल्द गांव को क्षमता के अनुरूप व नियमित पानी देने की व्यवस्था करने की गुहार लगाई। इधर जेई दीनदयाल टम्टा ने कहा कि स्रोत में पानी की कमी से दिक्कत हो रही है। गांव में रोटेशन के अनुसार एक दिन छोड़कर पानी देने की व्यवस्था की गई है।