वास्तु: ऐसा होगा घर का एंट्रेंस गेट तो घर में अाएंगी सिर्फ खुशियां
वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार को काफी महत्व दिया जाता है। वास्तु के अनुसार घर में सकारात्मक और नकारात्मक एनर्जी घर में प्रवेश करती है और बाहर जाती है। घर में हमेशा मुख्य द्वार से सकारात्मक एनर्जी...
वास्तु शास्त्र में मुख्य द्वार को काफी महत्व दिया जाता है। वास्तु के अनुसार घर में सकारात्मक और नकारात्मक एनर्जी घर में प्रवेश करती है और बाहर जाती है। घर में हमेशा मुख्य द्वार से सकारात्मक एनर्जी आएं तो इसके लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार इन नियमों को जरूर अपनाएं।
इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि मुख्य दरवाजा साफ सुथरा और इसे अच्छे तरीके से सजाया गया हो। यही नहीं घर के द्वार पर एक सुंदर से नेम प्लेट लगी हो।
घर का मुख्य द्वार खोलते या बंद करते समय शोर नहीं आना चाहिए। इसलिए अच्छी क्वॉलिटी की लकड़ी का प्रवेश द्राव बनवाना चाहिए। घर के मुख्य द्वार को बाकि सभी दरवाजों से बड़ा बनवाएं और जमीन से यह थोड़ा ऊपर होना चाहिए।
वास्तु की माने तो घर में दो दरवाजे बनवाएं। एक घर में प्रवेश करने के लिए और एक घर से बाहर जाने के लिए। प्रवेश द्वार को किसी भी कोने में न बनवाएं। इसे कोने से एक फीट छोड़कर बनवा सकते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि अगर प्रवेश द्वार टूटा हुआ है तो घर के लोगों के कठिन परिस्थितियों और सम्मान में कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
घर के दरवाजे पर गलती से भी काला रंग न करवाएं और दरवाजे के सामने डस्टबिन और जूते न रखें। वास्तु के अनुसार ऐसा करने से घर में नकारात्मक एनर्जी आती है।