इस बार 10 दिन के होंगे नवरात्र, ऐसे करें कलश स्थापना
एक अक्तूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे हैं। अश्विन माह में आने वाले इन नवरात्रों में विशेष बात यह है कि इस बार नवरात्र नौ के बजाय दस दिन के होंगे। प्रतिपदा तिथि दो दिन विद्यमान होने से एक और दो...
एक अक्तूबर से शारदीय नवरात्र शुरू हो रहे हैं। अश्विन माह में आने वाले इन नवरात्रों में विशेष बात यह है कि इस बार नवरात्र नौ के बजाय दस दिन के होंगे। प्रतिपदा तिथि दो दिन विद्यमान होने से एक और दो अक्तूबर दोनों दिन प्रतिपदा ही रहेगी, जिससे नवरात्रों की संख्या दस हो गई है।
ज्योतिषाचार्य विभोर इंदूसुत कहते हैं कि यह शुभ महासंयोग 16 वर्ष बाद आ रहा है। 16 वर्ष पहले वर्ष 2000 में भी अश्विन नवरात्र दस दिन के हुए थे, तब नवमी तिथि दो दिन विद्यमान रही थी। 25 वर्ष पूर्व वर्ष 1991 में भी अश्विन नवरात्र दस दिन के हुए थे, तब षष्टी तिथि दो दिन विद्यमान रही थी।
अश्विन नवरात्र 2016
1 अक्तूबर शनिवार - प्रतिपदा
2 अक्तूबर रविवार - प्रतिपदा
3 अक्तूबर सोमवार - द्वितीया
4 अक्तूबर मंगलवार - तृतीया
5 अक्तूबर बुधवार - चतुर्थी
6 अक्तूबर बृहस्पतिवार - पंचमी
7 अक्तूबर शुक्रवार - षष्ठी
8 अक्तूबर शनिवार - सप्तमी
9 अक्तूबर रविवार - अष्टमी
10 अक्तूबर सोमवार - नवमी
11 अक्तूबर मंगलवार - विजयदशमी, दशहरा।
ऐसे करें कलश या घट स्थापना
मिट्टी का पात्र और जौ, साफ की हुई मिट्टी, जल से भरा हुआ सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश, मोली (लाल सूत्र), साबुत सुपारी, कलश में रखने के लिए सिक्के, अशोक या आम के पांच पत्ते, कलश को ढंकने के लिए मिट्टी का ढक्कन, साबुत चावल, पानी वाला नारियल, लाल कपड़ा या चुनरी, फूल की माला, नवरात्र कलश।
स्थापना की विधि
कलश स्थापना के लिए सबसे पहले पूजा स्थल को शुद्ध करना चाहिए। एक लकड़ी का फट्टा रखकर उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और इस कपड़े पर थोड़ा-थोड़ा चावल रखें। चावल रखते हुए सबसे पहले गणेश जी का स्मरण करें। मिट्टी के पात्र में जौ बोएं। इस पात्र पर जल से भरा कलश स्थापित करें। कलश पर रोली से स्वास्तिक या ऊं बनाना चाहिए। कलश के मुख पर रक्षासूत्र भी बंधा हो। कलश में सुपारी, सिक्का डालकर आम या अशोक के पत्ते रखें। कलश के मुख को ढक्कन से बंद कर उस पर चावल भर दें। एक नारियल लेकर और उस पर चुनरी लपेटकर रक्षा सूत्र बांध दें। इस नारियल को कलश के ढक्कन पर रखते हुए सभी देवताओं का आह्वान करें। दीप जलाकर कलश की पूजा करें।
ज्योतिषाचार्य राहुल अग्रवाल के अनुसार एक अक्तूबर को ही घट स्थापना होगी। सुबह छह बजकर 18 मिनट से लेकर सात बजकर 28 मिनट तक घट स्थापना होगी। अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 47 मिनट से लेकर 12 बजकर 35 मिनट तक भी घट स्थापना की जा सकती है।