धनतेरस पर भगवान धनवंतरि से मांगे अच्छा स्वास्थ्य, पूरी होगी कामना
भगवान धनवंतरि अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए। जब वह प्रकट हुए तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। भगवान धनवंतरि कलश लेकर प्रकट हुए इसलिए धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा है। भगवान धनवंतरि...
भगवान धनवंतरि अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए। जब वह प्रकट हुए तो उनके हाथों में अमृत से भरा कलश था। भगवान धनवंतरि कलश लेकर प्रकट हुए इसलिए धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा है। भगवान धनवंतरि देवताओं के चिकित्सक हैं। धनतेरस पर उनसे अच्छे स्वास्थ्य की कामना की जाती है।
धनतेरस के संदर्भ में कथा प्रचलित है। एक बार यमराज ने यमदूतों से पूछा कि प्राणियों को मृत्यु देते हुए तुम्हारे मन में कभी दया भाव नहीं आता। दूतों ने कहा कि वह अपना कर्तव्य निभाते हैं। जब यमदेवता ने उनके मन का भय दूर कर दिया तो उन्होंने कहा कि एक बार राजा हेमा के पुत्र के प्राण लेते समय उसकी नवविवाहित पत्नी का विलाप सुनकर हमारा हृदय भी द्रवित हो गया।
एक दूत ने यमराज से प्रश्न किया कि अकाल मृत्यु से बचने का कोई उपाय है। यम देवता ने कहा कि जो प्राणी धनतेरस की शाम यम के नाम पर दक्षिण दिशा में दीया जलाकर रखता है उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है। इस मान्यता के अनुसार धनतेरस की शाम लोग आंगन में यम देवता के नाम का दीप जलाकर रखते हैं। इस दिन लोग यम देवता के नाम पर व्रत भी रखते हैं।
इस दिन घर का सारा कूड़ा करकट, रद्दी, टूटा फूटा सामान घर से निकाल दें। घर की सफाई करें। माना जाता है कि इस दिन सोना- चांदी खरीदने से व्यक्ति के भाग्य का उदय होता है। धातु से बने बर्तन और गहने खरीदने के लिए धनतेरस का दिन सर्वश्रेष्ठ है। इस दिन धातु का सामान घर में लाने से घर में सदैव लक्ष्मी का वास रहता है।
इस दिन शंख को घर लाएं और इसे दीपावली पूजन के समय बजाएं। इससे घर में लक्ष्मी का आगमन होगा और अनिष्ट टल जाते हैं। इस दिन नमक का पैकेट भी घर लेकर आएं और इसे इस्तेमाल भी करें। कहते हैं कि नमक खरीदकर लाने से सालभर धनाभाव नहीं होता और सुख समृद्धि घर में रहती है। दीपावली के दिन इसी नमक के पानी का पौंछा घर में लगाने से हमेशा के लिए दरिद्रता दूर हो जाती है।