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जानें क्यों मनाते हैं नवरात्रि, पढ़ें ये कथा

चैत्र नवरात्रि शुरु होने जा रही है। साल में चार बार नवरात्रि का त्योहार आता है। क्या आपको पता है कि नवरात्रि क्यों मनाई जाती है। एक कथा के अनुसार लंका युद्ध में ब्रह्माजी ने श्रीराम से रावण-वध के लिए...

जानें क्यों मनाते हैं नवरात्रि, पढ़ें ये कथा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 25 Mar 2017 11:45 AM
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चैत्र नवरात्रि शुरु होने जा रही है। साल में चार बार नवरात्रि का त्योहार आता है। क्या आपको पता है कि नवरात्रि क्यों मनाई जाती है। एक कथा के अनुसार लंका युद्ध में ब्रह्माजी ने श्रीराम से रावण-वध के लिए चंडी देवी का पूजन कर देवी को प्रसन्न करने को कहा और विधि के अनुसार चंडी पूजन और हवन के लिए दुर्लभ 108 नीलकमल की व्यवस्था भी करा दी। वहीं दूसरी ओर रावण ने भी अमरत्व प्राप्त करने के लिए चंडी पाठ प्रारंभ कर दिया। यह बात पवन के माध्यम से इन्द्रदेव ने श्रीराम तक पहुंचवा दी।

इधर रावण ने मायावी तरीक़े से पूजास्थल पर हवन सामग्री में से एक नीलकमल ग़ायब करा दिया जिससे श्रीराम की पूजा बाधित हो जाए। श्रीराम का संकल्प टूटता नज़र आया। सभी में इस बात का भय व्याप्त हो गया कि कहीं मां दुर्गा कुपित न हो जाएं। तभी श्रीराम को याद आया कि उन्हें कमल-नयन नवकंज लोचन भी कहा जाता है तो क्यों न एक नेत्र को वह मां की पूजा में समर्पित कर दें। श्रीराम ने जैसे ही तूणीर से अपने नेत्र को निकालना चाहा तभी मां दुर्गा प्रकट हुईं और कहा कि वह पूजा से प्रसन्न हुईं और उन्होंने विजयश्री का आशीर्वाद दिया।

दूसरी तरफ़ रावण की पूजा के समय हनुमान जी ब्राह्मण बालक का रूप धरकर वहां पहुंच गए और पूजा कर रहे ब्राह्मणों से एक श्लोक ..जयादेवी..भूर्तिहरिणी.. में हरिणी के स्थान पर करिणी उच्चारित करा दिया। हरिणी का अर्थ होता है भक्त की पीड़ा हरने वाली और करिणी का अर्थ होता है पीड़ा देने वाली। इससे मां दुर्गा रावण से नाराज़ हो गईं और रावण को श्राप दे दिया। रावण का सर्वनाश हो गया। इसे सत्य और धर्म की जीत के रूप में मनाया जाता है।

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