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कुंडली में यह योग होने पर मिलता है वैभव एवं सुख और राजयोग

किसी जातक की जन्म कुण्डली देखने में योग अपना अलग महत्व रखते है। ग्रहों की विशेष परिस्‍थिति कुंडली में यह योग बनाती है। व्‍यक्‍ति की कुंडली में राज योग पर अनेक बार चर्चा होती है। राजयोग...

कुंडली में यह योग होने पर मिलता है वैभव एवं सुख और राजयोग
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 21 Feb 2017 05:35 PM
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किसी जातक की जन्म कुण्डली देखने में योग अपना अलग महत्व रखते है। ग्रहों की विशेष परिस्‍थिति कुंडली में यह योग बनाती है। व्‍यक्‍ति की कुंडली में राज योग पर अनेक बार चर्चा होती है। राजयोग होने पर व्‍यक्‍ति तमाम वैभव एवं सुख को भोगता है। जानिए कौन से ग्रह कब बनाते हैं कुंडली में राजयोग।

  •  किसी व्‍यक्‍ति की जन्म कुण्डली में केन्द्र के स्वामी ग्रह का त्रिकोण के स्वामी ग्रह से किसी भी रूप में संबंध हो तो राजयोग बनता है।
  • किसी जातक की जन्म कुण्डली में नवम भाव का स्वामी ग्रह दशम भाव में स्थित हो अथवा दशम भाव का स्वामी ग्रह नवम भाव में हो तो भी यह योग बनता है।
  • किसी जातक की जन्म कुण्डली में नवम भाव में नवम भाव का स्वामी ग्रह एवं दशम भाव में दशम भाव का स्वामी ग्रह स्थित हो अथवा दोनों में एक ग्रह अपने स्वामी भाव में स्थित हो  तो यह योग बनाता है।
  • किसी जातक की जन्म कुण्डली में दो या तीन ग्रह उच्च राशि, स्वराशि, मित्र राशि अथवा नवमांश में शुभ भावों में स्थित हों तो भी राजयोग बनाता है।
  • किसी जातक की जन्म कुण्डली में लग्न भाव से अथवा चन्द्रमा की स्थिति से षष्टम, सप्तम अथवा एवं भावों में बुध, गुरू एवं शुक्र तीनों ग्रह स्थित हों तो शुभ राजयोग बनता है।

 

(इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं तथा इन्हें अपनाने से अपेक्षित परिणाम मिलेगा। इन्हें अपनाने  से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।)

 

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