फोटो गैलरी

Hindi Newsनवरात्रि में जरूर करें दिल्ली के इन 5 मंदिरों के दर्शन

नवरात्रि में जरूर करें दिल्ली के इन 5 मंदिरों के दर्शन

  देशभर की तरह दिल्ली में भी नवरात्रि की धूम है। शनिवार को मां शैलपुत्री की पूजा के साथ ही दुर्गा पूजा शुरू हो गई है। दिल्ली देश की राजधानी है और विभिन्न राज्यों से नौकरी करने आए लोग रहत

लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 01 Oct 2016 09:22 PM

 

देशभर की तरह दिल्ली में भी नवरात्रि की धूम है। शनिवार को मां शैलपुत्री की पूजा के साथ ही दुर्गा पूजा शुरू हो गई है। दिल्ली देश की राजधानी है और विभिन्न राज्यों से नौकरी करने आए लोग रहते हैं। आपको बता दें कि अन्य राज्यों की तरह ही दिल्ली में माता के कई प्राचीन मंदिर है। अगर आप नवरात्रि के दौरान के माता का दर्शन करने चाहते हैं तो आपको इन मंदिरों में जरूर जाना चाहिए।

कालकाजी मंदिर

नेहरू प्लेस मार्केट से कुछ दूर स्थित है कालका जी मंदिर। ओखला के रास्ते में छोटी-सी पहाड़ी पर स्थित कालकाजी मंदिर पुरानी दिल्ली से 14 किलोमीटर दूर है। कालकाजी मंदिर साधारण हिंदू मंदिर की तरह दिखता है, लेकिन यह एक पुरातन मंदिर है। इसका इतिहास 3000 वर्ष पुराना बताया जाता है। मान्यता है कि इसको पांडवों ने काली मां की पूजा-अर्चना के लिए बनाया था।

इस मंदिर से अनेक ऐतिहासिक प्रसंग भी जुड़े हैं। 1737 में तत्कालीन मुगल बादशाह मोहम्मद शाह के शासन में इस मंदिर को मराठा पेशवा बाजीराव (प्रथम) ने कुछ देर के लिए अपने कब्जे में ले लिया था। इसी प्रकार 1805 में जसवंत राव होल्कर ने भी दिल्ली पर धावा बोलते हुए कालकाजी मंदिर के प्रांगण में अपना डेरा डाला था। 1857 के गदर व 1947 के भारत-पाक बंटवारे के समय में भी यह मंदिर हिदुओं की गतिविधियों का सक्रिय केंद्र था।

रास्ता: बदरपुर रुट पर कालकाजी मंदिर का मेट्रो स्टेशन है।

आगे की स्लाइड में पढ़िए माता के अन्य मंदिरों के बारे में

नवरात्रि में जरूर करें दिल्ली के इन 5 मंदिरों के दर्शन1 / 5

नवरात्रि में जरूर करें दिल्ली के इन 5 मंदिरों के दर्शन

 

झंडेवालान मंदिर

राजधानी दिल्ली के मध्य में स्थित झंडेवालान मंदिर झंडेवाली देवी को समर्पित एक सिद्धपीठ है। अपने धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व के कारण राज्य सरकार ने भी दिल्ली के प्रासिद्ध दर्शनीय स्थलों में इसे शामिल किया है। आज जिस स्थान पर मंदिर स्थित है उस समय यहां पर अरावली पर्वत श्रॄंखला की हरी भरी पहाडियां और घने वन थे। झंडेवालान मंदिर का इतिहास करीब सवा सौ साल पुराना बताया गया है। जिस जगह वर्तमान में मंदिर है, पहले यहां पहाड़ी हुआ करती थी। वर्षों पहले बद्रीदास नाम के एक व्यापारी को पहाड़ी की जगह देवी का मंदिर होने का सपना आया। इसके बाद खोदाई कराई गई तो वहां देवी की मूर्ति मिली। 

रास्ता: द्वारका रुट पर झंडेवालान मंदिर का मेट्रो स्टेशन है।

नवरात्रि में जरूर करें दिल्ली के इन 5 मंदिरों के दर्शन2 / 5

नवरात्रि में जरूर करें दिल्ली के इन 5 मंदिरों के दर्शन

 

काली मंदिर, चितरंजन पार्क

चितरंजन पार्क को दिल्ली का मिनी बंगाल भी कहा जाता है। यहां पर 1973 में काली मंदिर की स्थापना हुई थी। उसके बाद से लगातार बंगाली संस्कृति में दुर्गा पूजा का आयोजन यहां होता रहा है। यहां के दुर्गा पूजा पंडाल कोलकाता के अंदाज को बयां करते हैं। यहां के पंडालों की साज-सज्जा, मां की प्रतिमा, नृत्य संगीत और खाना सब कुछ हट कर होता है। इसके अलावा पंडालों के मशहूर चितरंजन पार्क में कुल नौ पंडाल लगते हैं।

रास्ता: ग्रेटर कैलाश/ कालकाजी के पास से बस ले सकते हैं। मेट्रो स्टेशन - नेहरू प्लेस (बदरपुर लाइन लाइन)

नवरात्रि में जरूर करें दिल्ली के इन 5 मंदिरों के दर्शन3 / 5

नवरात्रि में जरूर करें दिल्ली के इन 5 मंदिरों के दर्शन

 

छतरपुर मंदिर

छतरपुर मंदिर या श्री अध्‍य कात्‍यायनी शक्ति पीठ छतरपुर में स्थित है। यह मंदिर देवी कात्‍यायनी, जो देवी दुर्गा का छठां स्‍वरूप है को समर्पित है। इस मंदिर को देवी दुर्गा मां के एक उत्‍साही भक्‍त स्‍वामी नागपाल ने बनवाया था। यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है। मंदिर की नक्‍काशी, दक्षिण भारतीय वास्‍तुकला में की गई है। मंदिर परिसर लगभग 70 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और इसके अंदर लगभग 20 छोटे और बड़े मंदिर भी तीन विभिन्‍न परिसरों में बने हुए हैं। इस मंदिर के संस्‍थापक स्‍वामी नागपाल महाराज का समाधि मंदिर भी इस मंदिर के परिसर शिव - गौरी नागेश्‍वर मंदिर में बनाया गया है।

रास्ता: हुडा सिटी सेंटर रुट पर छतरपुर मंदिर का मेट्रो स्टेशन है। नई दिल्ली से यहां तक के लिए 604 नंबर बस चलती है।

नवरात्रि में जरूर करें दिल्ली के इन 5 मंदिरों के दर्शन4 / 5

नवरात्रि में जरूर करें दिल्ली के इन 5 मंदिरों के दर्शन

 

शीतला माता मंदिर 

शीतला माता मंदिर दिल्ली-एनसीआर के गुड़गांव में स्थित है। नवरात्रि के पावन दिनों में गुड़गांव स्थित शीतला माता के मन्दिर में भक्तों की भीड़ काफ़ी बढ़ जाती है। यहां साल में दो बार एक-एक महीने का मेला लगता है। मंदिर की कहानी महाभारत काल से जुड़ी हुई है। महाभारत के समय में भारतवंशियों के कुल गुरु कृपाचार्य की पत्नी शीतला देवी (गुरु मां) के नाम से गुरु द्रोण की नगरी गुड़गाँव में शीतला माता की पूजा होती है। लगभग 500 सालों से यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। यहां पर देश के कोने-कोने से लोग पूजा-पाठ के लिए आते हैं। 

नवरात्रि में जरूर करें दिल्ली के इन 5 मंदिरों के दर्शन5 / 5

नवरात्रि में जरूर करें दिल्ली के इन 5 मंदिरों के दर्शन