video: आदि गुरु शंकराचार्य ने बनाया था यह मंदिर
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है। इस दौरान की गई पूजा मनोवांछित फल देती है। पहले दिन शैल पुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा...
नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रुपों की पूजा की जाती है। इस दौरान की गई पूजा मनोवांछित फल देती है। पहले दिन शैल पुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा देवी, पांचवे दिन स्कंद माता, छठवें दिन देवी कात्यायनी, सातवें दिन काल रात्रि, आठवें दिन महागौरी और नौवे दिन सिद्धीदात्री की पूजा अर्चना की जाती है।
लखनऊ चौक का प्रसिद्ध बड़ी काली जी मंदिर शहर के सबसे प्राचीनतम मंदिर में से एक है। मंदिर के पुजारी पं. शक्तिदीन अवस्थी ने बताया कि करीब 2000 वर्ष पूर्व आदि गुरु शंकराचार्य ने यह मंदिर बनवाया था। यहां आरती में चढ़ने वाला लौंग और कपूर को प्रसाद के रुप में बांटा जाता है।
मन्दिर में माता के 40 दिन दर्शन करने व ज्योति जलवाने से मनोकामना पूरी होती है। नवरात्र में नवमी और दशमी के दिन अष्टधतु की बनी काली जी की खास मूर्ति की पूजा होती है।