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अग्निपरीक्षा से गुजरेंगे सारे विभाग के कर्मचारी

कुंभ मेला व्यवस्थाओं को 14 जनवरी के मकर संक्रांति के कुंभ के पहले गंगास्नान पर्व से पहले पूरा करने के आदेश के बाद सिंचाई विभाग, पेयजय निगम, पावर कार्पोरेशन और गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारियों...

अग्निपरीक्षा से गुजरेंगे सारे विभाग के कर्मचारी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 27 Dec 2009 09:00 PM
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कुंभ मेला व्यवस्थाओं को 14 जनवरी के मकर संक्रांति के कुंभ के पहले गंगास्नान पर्व से पहले पूरा करने के आदेश के बाद सिंचाई विभाग, पेयजय निगम, पावर कार्पोरेशन और गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारियों की चिंताएं बढ़ गई हैं। इन सभी विभागों के काम पिछड़े हुए हैं। हालात इतने खराब हैं कि पावर कार्पोरेशन और पेयजल निगम के स्थाई और सेक्टरों के अस्थाई कार्य भी पिछड़े हुए हैं।

प्रदेश के मुख्य सचिव की समीक्षा बैठक में सिंचाई, पावर कार्पोरेशन, पेयजल निगम और गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के कार्यो की एक-एक कर समीक्षा की गई, तो सभी विभागों के नोडल अधिकारी कार्यो को पूरा करने की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध करते नजर आए। लेकिन मुख्य सचिव ने समय सीमा बढ़ाने से इंकार कर दिया। उन्होंने साफ कहा कि कुंभ के पहले स्नान से पूर्व 13 जनवरी तक सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हो जानी चाहिए। पेयजल निगम टंकियां, नलकूप बनाकर बैठा हुआ है, लेकिन इनके संचालन के लिए न तो कर्मचारी हैं और न ही विभाग के पास बजट का प्रावधान है। जिसके चलते करोड़ों रूपए खर्च करने के बाद भी पानी की किल्लत बनी है।

मेलाधिष्ठान के बड़े अधिकारियों को चिंता बनी है कि महामंडलेश्वर नगर, गौरीशंकर और चंडीद्वीप में पानी आपूर्ति की व्यवस्था लड़खड़ाई तो अखाड़ों समेत साधु संतों की नाराजगी भारी पडे़गी। मेलाधिकारी ने विभाग के नोडल अफसर सुनील कुमार को चेताते हुए पाइप लाइन बिछाने के काम में तेजी लाने को कहा है। पावर कार्पोरेशन के स्थाई कार्य भी अभी तक पूरे नहीं हो सकें हैं। कार्यो की गुणवत्ता को लेकर कार्पोरेशन समेत मेलाधिष्ठान के अधिकारी मौन हैं। नगर सहित अस्थाई सेक्टरों में लगाए गए खंबों की ग्राउटिंग नहीं की गई है। यह लापरवाही कभी भी बड़े हादसे में बदल सकती है। उत्तरी हरिद्वार के शांतिकुंज क्षेत्र में बनाया जाने वाला 33 केवीए का विद्युत उपकेंद्र और एलटी लाइने डालने का काम शुरू नहीं हो पाया है।

सिंचाई विभाग द्वारा बनाए जा रहे गंगाघाट समय से पूरे नहीं हो पाएंगे। घाट समय से न बने, तो श्रद्धालुओं के रेले को संभालना मुश्किल भरी होगा। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के जेएनएनयूआरएम और कुंभ निधि से डाली जा रही राइजिंग लाइनों को काम पूरा नहीं हो सका है, जिसके चलते राइजिंग लाइनों को ब्रांच लाइनों से नहीं जोड़ा जा सका है। सभी विभागों को अगले दो सप्ताह में कार्यो को पूरा करने की अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा।

 

 

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