मंदी और स्वाइन फ्लू से राजस्थान का पर्यटन उद्योग चौपट
पर्यटन और होटल से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार जयपुर में पौने दो साल पहले हुए सिलसिलेवार बम धमाकों ने पर्यटन उद्योग की कमर तोड़कर रख दी थी। इस वर्ष राज्य के पर्यटन उद्योग के उबरने की कोशिशों पर...
पर्यटन और होटल से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार जयपुर में पौने दो साल पहले हुए सिलसिलेवार बम धमाकों ने पर्यटन उद्योग की कमर तोड़कर रख दी थी। इस वर्ष राज्य के पर्यटन उद्योग के उबरने की कोशिशों पर विश्वव्यापी मंदी और स्वाइन फ्लू ने पानी फेर दिया। हालत यह है कि पर्यटन सीजन में भी राज्य के अधिकांश होटल और पर्यटन स्थल सूने पड़े हैं।
राजस्थान की पर्यटन मंत्री बीना काक इस बात से असहमति जताते हुए कहती हैं कि राज्य में देशी विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बढ़ी है और पर्यटन सीजन अच्छा होगा। पर्यटकों की मांग को देखते हुए ट्रेन टूरिज्म में राजस्थान की सिरमौर स्थिति को और मजबूती देते हुए पैलेस ऑन व्हील्स की तर्ज पर रेल मंत्रालय के सहयोग से रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स नाम से दूसरी पर्यटन रेल शुरू की जा गई है।
काक के अनुसार राज्य में वर्ष 2009 में 229.87 लाख पर्यटक आए। इनमें 221.65 लाख देशी और 8.22 लाख विदेशी पर्यटक थे। उन्होंने बताया कि राज्य में पहली बार ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दौसा जिले के आभानेरी में पर्यटन उत्सव आयोजित किया गया, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने भाग लिया। ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में जोधपुर में खेजडली एवं खीचन तथा बांरा में सोरसन को शामिल कर इनके विकास पर दो करोड रूपये खर्च किए जाएंगे।
काक ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इको-टूरिज्म की परियोजनाएं तैयार की जा रही हैं। जयपुर में फिल्म सिटी शुरू करने को लेकर फिल्म जगत से जुड़ी हस्तियों से जगह को लेकर विचार चल रहा है। राजस्थान की कला और संस्कृति, किले, हवेलियां और बावड़ी तथा रेगिस्तान की वजह से यहां फिल्म निर्माताओं का जमघट लगा रहता है। राज्य में फिल्मों की शूटिंग होने से स्थानीय युवाओं और इससे जुड़े लोगों को रोजगार मिलेगा।
फेडरेशन ऑफ राजस्थान इडंस्ट्रीज एंड ट्रेड के उपाध्यक्ष और भूमि कारोबार से जुड़े कमल कंदोई का कहना है कि जयपुर में बम धमाके, विश्वव्यापी मंदी, आईओसी अग्निकांड और स्वाइन फलू ने राजस्थान पर्यटन क्षेत्र को काफी नुकसान पहुंचाया है। पिछले कुछ समय से राज्य का पर्यटन उद्योग संभलने और फिर से खड़ा होकर मंदी से उबरने की कोशिश कर रहा था, लेकिन स्वाइन फलू ने फिर इसे झटका दिया है।
पर्यटन से जुड़े जीएस अग्रवाल का कहना है कि राजस्थान और विशेष रूप से जयपुर आने वाला विदेशी या स्वदेशी पर्यटक लपकों से पीड़ित है। पर्यटकों को घेरकर जोर जबरदस्ती से खरीदारी करवाने व खरीदारी में कमीशन लेने के काम में लगे लोगों को स्थानीय भाषा में लपका कहा जाता है। अग्रवाल का कहना है कि राज्य सरकार को इस पर अंकुश लगाने के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए।
राजस्थान पर्यटन विकास निगम के सूत्रों ने कहा कि पर्यटकों को लपकों से बचाने के लिए पर्यटक सहायता बल में सुरक्षा गार्डों की संख्या 164 से बढ़ाकर 225 कर दी गई है। उन्होंने बताया कि पर्यटकों के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है ताकि राजस्थान आने वाले पर्यटकों की यात्रा सुखद और सुरक्षित हो।
जयपुर के एक पंचतारा होटल के प्रबंधक ने कहा कि पर्यटन सीजन सुस्त चल रहा है, कमरे खाली है जबकि कुछ साल पहले कमरों के लिए मारामारी रहती थी, अब हम पर्यटकों की राह देख रहे हैं।
राजस्थान पर्यटन गाइड एसोसिएशन के पदाधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि पर्यटन उद्योग पर मंडराती मंदी, स्वाइन फलू और आगामी महीनों में होने वाली परीक्षा की वजह से है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले कुछ महीनों में राज्य में पर्यटन सीजन तेजी से बढ़ेगा।