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शहर में पैर पसार रही है लकवे जैसी बीमारी

शहर में लकवे जैसी ‘एक्यूट फ्लोराइसिस पैरालाइसिस’  नामक बीमारी पैर पसार रही है। गुरूवार को ऐसे दो संभावित मरीजों की पहचान की गई। इनको मिलाकर अब ऐसे मरीजों की संख्या बढ़कर 78 हो गई है।...

शहर में पैर पसार रही है लकवे जैसी बीमारी
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 25 Dec 2009 11:00 PM
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शहर में लकवे जैसी ‘एक्यूट फ्लोराइसिस पैरालाइसिस’  नामक बीमारी पैर पसार रही है। गुरूवार को ऐसे दो संभावित मरीजों की पहचान की गई। इनको मिलाकर अब ऐसे मरीजों की संख्या बढ़कर 78 हो गई है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की सांसे फूल रही हैं। पोलियो खुराक पिलाने के बाद भी सामने आ रहे ऐसे मामलों से पोलियो अभियान की सफलता पर सवालिया निशान लग रहा है।

गौरतलब है कि बड़खल क्षेत्र की जम्हाई कालोनी में पोलियो से एक बच्चों की मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन और स्वास्थ्य विभाग ने संयुक्त रुप से विशेष पोलियो अभियान चलाया था। फरीदाबाद सहित गुड़गांव, मेवात, दिल्ली तथा यूपी में यह अभियान चलाया गया।

इसके बादजूद जिले में एक्यूट फ्लोराइसिस पैरालाइसिस (लकवे जैसी बीमारी) के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। मार्च से दिसंबर तक 76 बच्चों की स्टूल जांच रिपोर्ट कसौली (हिमाचल) भेजी गई। जिनमें से 70 की रिपोर्ट आ गई है। बाकी छह की रिपोर्ट आनी है। जिनकी रिपोर्ट आई है, उनमे ‘एक्यूट फ्लोराइसिस पैरालाइसिस’ बीमारी के लक्ष्ण पाए गए हैं।

गुरुवार को गांव नीमका के हरी हिन्द चौपाल के निकट रहने वाले विजेंद्र सिंह के पांच वर्षीय पुत्र जितेन व ओल्ड फरीदाबाद के तिलपत गांव के चार वर्षीय मोहित को पोलियो की आशंका में बीके अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनकी जांच चल रही है।

पोलियो अभियान के इंचार्ज डॉ. एमएल शर्मा का कहना है कि इन मरीजों के स्टूल के दो नमूने लिए गए हैं, जिसे जांच के लिए कसौली भेजा जाएगा। रिपोर्ट आने पर ही मामले को सार्वजनिक किया जाएगा। जितेन के पिता विजेंद्र ने बताया कि मंगलवार को जितेन को बुखार हुआ था। बुधवार को बुखार उतरने के बाद बच्चे के पैर में तकलीफ शुरू हो गई।

मोहित के पिता का कहना है कि प्रत्येक पोलियो अभियान में इसे खुराक पिलाई गई। बावजूद इसके उसके पैर में दिक्कत शुरु हो गई। उनका कहना है कि पिछले दस दिनों से इसे बुखार है, जिसका प्राथमिक उपचार ओल्ड फरीदाबाद में कराने के बाद बीके अस्पताल लाया गया। विभाग का दावा है कि बच्चे में पोलियो के कोई लक्षण नहीं हैं। इसके बावजूद स्टूल जांच के लिए भेजा जाएगा।

डिस्ट्रीक इम्यूनाइजेशन ऑफिसर डॉ. एमएम शर्मा ने बताया कि स्टूल जांच के लिए भेज दिया गया है। रिपोर्ट आने पर ही वास्तविक स्थिति का पता चलेगा। कई लोग प्रभावित क्षेत्र में जाने से इस वायरस के शिकार हो जाते हैं

विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ. विशेष कुमार के अनुसार पोलियो खुराक पिलाने के बाद भी कुछ बच्चे एक्यूट फ्लोराइसिस पैरालाइसिस के शिकार हो रहे हैं। समय पर इलाज शुरु कर दिया जाए तो ठीक होने की संभावना अधिक होती है।

  एक्यूट फ्लोराईसीस पैरालाइसीस के लक्षणः

- तेज बुखार होना
- पैर कमजोर होना
- सही तरीके से नहीं चलना
- हाथ पैर सुखना

 

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