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अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन मामले में एनजीओ की भूमिका संदिग्ध

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अस्पतालों को मान्यता दिलाने के नाम पर दलाल सक्रिय हो गए है। इस दलाली में एक एनजीओ की भूमिका सामने आ रही है। बताया गया है कि एनजीओ ने मान्यता दिलाने के नाम पर...

अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन मामले में एनजीओ की भूमिका संदिग्ध
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 20 Dec 2009 08:31 PM
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राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अस्पतालों को मान्यता दिलाने के नाम पर दलाल सक्रिय हो गए है। इस दलाली में एक एनजीओ की भूमिका सामने आ रही है। बताया गया है कि एनजीओ ने मान्यता दिलाने के नाम पर जिले के कई अस्पतालों से दो-दो हजार रुपये तक ऐठ लिए हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत बीपीएल धारकों के स्मार्ट हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं। इस कार्ड पर धारक के परिजनों को 30 हजार रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य लाभ मिल सकेगा। यह सुविधा केवल इस योजना में रजिस्ट्रेशन वाले अस्पतालों में ही मिलेगी।

अस्पतालों के इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए सीएमओ कार्यालय में आवेदन करना होता है। जिस पर सीएमओ की टीम इस अस्पताल का निरीक्षण करके यहां की सुविधाओं का जायजा लेती है।

इन सुविधाओं में कम से कम आठ बिस्तरों वाला अस्पताल, डॉक्टर, नर्स, वार्डबॉय, एमरजेंसी की सुविधा के साथ एम्बुलेंस की भी व्यवस्था होनी जरूरी है। अभी तक जिले में तीन सरकारी अस्पतालों के अलावा छह प्राइवेट अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। दो दर्जन से अधिक अस्पतालों ने इसके लिए आवेदन किए हैं।

इस रजिस्ट्रेशन को कराने के लिए जिले में एक एनजीओ सक्रिय हो गई है। जो विभिन्न अस्पतालों में जाकर योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराने का दावा कर रही है। इसके लिए संस्था एक एनजीओ के नाम पर दो हजार रुपये की चैरिटी मांग रही है।

इतना ही नहीं कई अस्पतालों से यह पैसा ऐंठा जा चुका है। इस एनजीओ का खुलासा उस समय हुआ जब एक अस्पताल स्वामी ने सीएमओ कार्यालय में इसके लिए जानकारी प्राप्त की। एनजीओ की भूमिका के बारे में स्वास्थ्य अधिकारियों को अवगत करा दिया है।

इस संबंध में सीएमओ डा. एके धवन का कहना है कि योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराने के लिए किसी भी संस्था को रजिस्टर्ड नहीं किया गया है। यह कार्य केवल स्वास्थ्य विभाग ही कर रहा है। एनजीओ किस आधार पर यह काम कर रही है इसकी जांच कराई जाएगी।

 

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