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मौजूदा पद पर ही उत्तराखंड जाएँगे सचिवालय कर्मचारी

यूपी के सैकड़ों सचिवालय कर्मचारियों को तत्काल प्रोन्नत पद पर उत्तराखंड में तैनात करने का मसला खटाई में पड़ गया है। उत्तराखंड के मुख्य सचिव एन.एस.नपलच्याल ने राज्य परामर्शीय कमेटी के अध्यक्ष एस.ए.टी...

मौजूदा पद पर ही उत्तराखंड जाएँगे सचिवालय कर्मचारी
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 18 Dec 2009 09:05 PM
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यूपी के सैकड़ों सचिवालय कर्मचारियों को तत्काल प्रोन्नत पद पर उत्तराखंड में तैनात करने का मसला खटाई में पड़ गया है।

उत्तराखंड के मुख्य सचिव एन.एस.नपलच्याल ने राज्य परामर्शीय कमेटी के अध्यक्ष एस.ए.टी रिजवी और यूपी सरकार के प्रमुख सचिव राज्य पुनर्गठन को पत्र लिखकर यह स्पष्ट किया है कि यूपी सचिवालय के कर्मचारियों को वर्तमान पदों पर ही योगदान कराया जाएगा।

उच्च स्तरीय सूत्रों ने बताया कि श्री नपलच्याल ने अपने तर्क के पक्ष में 28 अगस्त 2009 की बैठक का हवाला दिया ह। इस बैठक में यूपी सरकार ने भी यही बात कही थी कि केंद्र सरकार द्वारा अंतिम आवंटन के आधार पर उत्तराखंड जाने वाले यूपी के सचिवालय कर्मचारियों को उनके वर्तमान पद पर ही योगदान कराया जाएगा।

मुख्य सचिव ने कहा है कि जहाँ तक उत्तराखंड सचिवालय के कनिष्ठ कर्मचारियों (जो अब प्रोन्नत होकर काफी सीनियर हो गए हैं) के बराबर यूपी के सचिवालय कर्मचारियों को पद ग्रहण कराए जाने का प्रश्न है, इस बारे में तत्काल कोई फैसला संभव नहीं है।

उत्तराखंड आने वाले यूपी के सचिवालय कर्मचारियों के योगदान के बाद ही उनकी पुन: ज्येष्ठता का निर्धारण किया जाएगा और नियमानुसार पदोन्नति की कार्रवाई की जाएगी। लेकिन तत्काल उनकी कोई प्रोन्नति नहीं की जाएगी।

उत्तराखंड के मुख्य सचिव यह स्पष्टीकरण देने के लिए इसलिए बाध्य हुए हैं क्योंकि राज्य परामर्शीय कमेटी की एक बैठक में यह तय किया गया था कि 8 नवंबर 2000 को वैध सीनियरटी लिस्ट के अनुसार यदि कर्मचारी उत्तराखंड राज्य के सचिवालय में कार्यरत कनिष्ठ कर्मचारी द्वारा ग्रहण किए गए पद से निचले स्तर पर नियुक्ति पाता है और कनिष्ठ कर्मचारी को पदावनत किया जाना संभव नहीं है तो उसको वरिष्ठता के आधार पर प्रोन्नति दी जा सकेगी।

जिससे वह कर्मचारी कनिष्ठ कर्मचारी के बराबर पद ग्रहण कर सके। साथ ही उसको वरिष्ठता सूची में कनिष्ठ कर्मचारी के ऊपर रखा जाएगा। ऐसी प्रोन्नति उसी तिथि से प्रभावी होगी जिस तिथि से कनिष्ठ कर्मचारी को प्रोन्नत किया गया था।

लेकिन उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने राज्य परामर्शीय कमेटी के लिखित में मिले इस फैसले को नकारते हुए पत्र द्वारा उत्तर दिया है। साथ ही इसकी जानकारी केंद्रीय कार्मिक मंत्रलय के संयुक्त सचिव को भी दे दी है।

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