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सेक्स स्कैंडल : राज्यपाल से मिले इनेलो विधायक

मधुबन पुलिस अकादमी से जुड़ा सेक्स स्कैंडल तूल पकड़ता जा रहा है। इस सिलसिले में इनेलो विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी अध्यक्ष और विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व में...

सेक्स स्कैंडल : राज्यपाल से मिले इनेलो विधायक
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 15 Dec 2009 11:06 PM
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मधुबन पुलिस अकादमी से जुड़ा सेक्स स्कैंडल तूल पकड़ता जा रहा है। इस सिलसिले में इनेलो विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी अध्यक्ष और विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व में मुंगलवार को राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया से मुलाकात कर उन्हें इस बारे में एक ज्ञापन सौंपा।

इस दौरान इनेलो ने प्रदेश के दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर लग रहे मधुबन पुलिस अकादमी की महिला पुलिस कर्मियों के कथित शोषण व उत्पीड़न के आरोपों की जांच सीबीआई से कराने की मांग पर जोर दिया।

इनेलो ने प्रदेश में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार व आपराधिक घटनाओं पर चिन्ता जताते हुए कहा कि सरकार की दिशाहीन नीतियों, पुलिस की अनैतिकता, अनुशासनहीनता और असफलता व मुख्यमंत्री की अयोग्यता व प्रशासन के ऊपर पकड़ न होने से प्रदेश की स्थिति बेहद खराब होती जा रही है।

राज्यपाल को बताया गया कि दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर मधुबन में महिला पुलिस कर्मचारियों का शोषण करने के आरोप लग रहे हैं और सरकार जांच कराने की बजाय उस पर पर्दा डाल रही है। इस मौके पर पार्टी के लगभग सभी विधायक व प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा मौजूद थे।

पार्टी ने राज्यपाल से कहा कि मधुबन कांड की जांच सीबीआई अथवा ऐसी ही किसी अन्य एजेंसी से कराई जाए जो राज्य सरकार के नियन्त्रण में न हो ताकि सच्चई सामने लाई जा सके। बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए चौटाला ने कहा कि मधुबन कांड को लेकर जो भी आरोप लग रहे हैं उनकी जांच ज़रूरी है।

राज्यपाल को ज्ञापन देते हुए विधायकों ने बताया कि महिलाओं के उत्पीड़न व शोषण की घटनाएं सिर्फ प्रशिक्षणरत महिला पुलिस कर्मचारियों तक ही सीमित नहीं है बल्कि अनेक थानों में महिलाओं का शोषण, उत्पीड़न व बलात्कार किए जाने के मामले भी सामने आ चुके हैं।

बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति का ब्यौरा देते हुए विधायकों ने कहा प्रदेश में हर बारह घंटे में एक बलात्कार, आठ घंटे में एक हत्या, हर दस घंटे में अपहरण और प्रत्येक घंटे में चोरी, डकैती व लूट की 17 घटनाएं घट रही हैं। दलितों के विरुद्ध बढ़ते अपराधों के आंकड़े भी बेहद चौकाने वाले हैं।

राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के अनुसार वर्ष 2003 व वर्ष 2004 में इनकी संख्या सिर्फ 52 व 55 थी जो वर्ष 2008 व मौजूदा साल के अक्टूबर महीने तक बढ़कर 301 पर पहुंच गई है।

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