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बैलेंस बनाएं

अमूमन लोगों का यही मानना होता है कि जितना ज्यादा जोखिम लेंगे उतना ही अधिक फायदा कमाया जा सकता है, लेकिन अगर समझबूझ के साथ निवेश किया जाए तो भी आप बेहतर रिटर्न पा सकते हैं। ऐसे में आपके पास एक बढ़िया...

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लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 09 Dec 2009 10:17 PM
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अमूमन लोगों का यही मानना होता है कि जितना ज्यादा जोखिम लेंगे उतना ही अधिक फायदा कमाया जा सकता है, लेकिन अगर समझबूझ के साथ निवेश किया जाए तो भी आप बेहतर रिटर्न पा सकते हैं। ऐसे में आपके पास एक बढ़िया विकल्प ये है कि आप कई उत्पादों का मिश्रण चुनें, पर उत्पादों का कांबिनेशन बनाते वक्त भी एहतियात बरतने की जरूरत है क्योंकि कई बार उत्पादों के गलत कांबिनेशन से न तो आपको जोखिम कम हो पाता होता है और न ही आप उम्दा रिटर्न हासिल होता है।

डेट : जोखिम से बचाव करने में डेट काफी मददगार होता है। अधिकाशत: डेट उत्पादों में जोखिम नहीं होता, लेकिन उनको चुनते वक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है। जानकारों का मानना है कि डेट में अगर शॉर्ट टर्म फंड का चुनाव किया जाए तो ज्यादा बेहतर है। और हां, इसके लिए अगर आपको एक ही श्रेणी के फंड्स में निवेश करना पड़े तो उससे भी गुरेज नहीं करना चाहिए।

इक्विटी और डेट में संतुलन : अपने पोर्टफोलियो में प्रमुख बात ये है कि आप डेट और इक्विटी में संतुलन बनाकर रखें। बैलेंस फंड के अलावा आप पूंजी को विभिन्न इंस्ट्रुमेंट जैसे कि प्रॉपर्टी, इक्विटी आदि में निवेश कर सकते हैं।

इक्विटी में संतुलन : जहां तक इक्विटी में जोखिम की बात है तो विभिन्न विकल्पों को अपनाकर आप जोखिम को कम कर सकते हैं। इक्विटी पोर्टफोलियो में संतुलन बनाए रखना काफी आवश्यक है। वहीं म्यूचुअल फंड में आप ज्यादा रिटर्न के लिए सेक्टोरल फंड का चुनाव कर सकते हैं जो नियमित अंतराल में बेहतर रिटर्न दिला सकने में सक्षम होते हैं।

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