एचआईवी पीड़ित बच्चे के साथ भाई-बहन को भी स्कूल से भगाया
नौ वर्षीय अनाथ बच्चे को नहीं मालूम कि वह एचआईवी पॉजिटिव है। लेकिन उसी की वजह से स्कूल में हेड मास्टर साहब उसके साथ-साथ उसके भाई-बहन को भगा देते हैं। खुसरो बाग जल संस्थान इलाहाबाद के इस बच्चे का...
नौ वर्षीय अनाथ बच्चे को नहीं मालूम कि वह एचआईवी पॉजिटिव है। लेकिन उसी की वजह से स्कूल में हेड मास्टर साहब उसके साथ-साथ उसके भाई-बहन को भगा देते हैं। खुसरो बाग जल संस्थान इलाहाबाद के इस बच्चे का पिता एचआईवी पॉजिटिव था। 35 वर्ष की उम्र में जून में उसकी मौत हो गई। माँ भी दूसरे बेटे के जन्म के समय फ रवरी 2005 में ही 30 साल की उम्र में गुजर गई थी। इस समय दूसरा बेटा चार वर्ष का है। माता-पिता का साया उठ जाने के बाद ये दोनों भाई और एक बहन बेसहारा हो गए।
उनका मामा उन्हें अपने घर बारा तहसील के बेलामुंडी गाँव लाया। इसके बाद तीनों बच्चों-का परीक्षण कराया गया। उसमें बहन और छोटे भई एचआईवी निगेटिव पाए गए किन्तु बड़ा पॉजिटिव निकला। यह बात पूरे गाँव में फै ल गई। गाँव वाले भी उससे दूरी बनाने लगे। हेड मास्टर राघवेन्द्र तिवारी ने तो तीनों बच्चों को स्कूल से भगा दिया।
एचआईवी पीड़ित बच्चे का इलाज कर रहे डाक्टर मुहम्मद आलम अंसारी ने हेड मास्टर व ग्रामप्रधान को टेलीफोन से समझया। गाँव में जानकारी देने के लिए कार्यक्रम भी रखने को कहा है।
ग्रामप्रधान जोखई राम का कहना है कि उन्हें मामले की जानकारी है, हेडमास्टर से बात करेंगे। हेडमास्टर श्री तिवारी के अनुसार उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। गाँव वालों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजना बन्द कर दिया था। इसी कारण उन्होंने इन तीनों बच्चों को रोका। बच्चों की मेडिकल जाँच की रिपोर्ट उनके मामा से मँागी गई थी ताकि गाँव वालों को समझ सकें। किन्तु रिपोर्ट नहीं दी गई। ‘नेकवर्क फार पीपुल्स लीविन्ग एड्स सोसायटी’ इलाहाबाद में भी बच्चे मामा के साथ गए थे। किन्तु उन्हें निराशा ही हाथ लगी।