समान अवसर आयोग के गठन की कवायद तेज
हाशिये पर पहुंचे तबकों के उत्थान के लिए दी गयी सच्चर समिति की सिफारिशों के आधार पर केंद्र ने समान अवसर आयोग (ईओसी) के स्थापना की प्रक्रिया तेज कर दी है। कुछ दिन पहले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान...
हाशिये पर पहुंचे तबकों के उत्थान के लिए दी गयी सच्चर समिति की सिफारिशों के आधार पर केंद्र ने समान अवसर आयोग (ईओसी) के स्थापना की प्रक्रिया तेज कर दी है। कुछ दिन पहले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री सलमान खुर्शीद ने वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से मुलाकात की थी, ताकि समान अवसर आयोग के गठन के मुद्दे पर उनसे चर्चा की जा सके।
बैठक के बारे में पूछे जाने पर खुर्शीद ने कहा था, मेरी वित्त मंत्री से मुलाकात हुई। हमने ईओसी, इसके मायनों, रूपरेखा तथा प्रस्तावों के बारे में बातचीत की। आयोग के गठन के लिये बने विधेयक को सरकार की प्रतिबद्धता जताने वाला विधेयक करार देते हुए मंत्री ने रेखांकित किया कि इस कवायद में 11 मंत्री शामिल हैं और हर एक को विधेयक के मसौदे पर अपनी प्रतिक्रिया देनी है।
उन्होंने कहा, योजना आयोग के साथ ही 11 मंत्री इस पूरी कवायद में शामिल हैं। हमें पूर्व में भी उनकी प्रतिक्रियाएं मिली थीं। अब हम ताजा प्रतिक्रियाओं के प्रति आशान्वित हैं। इस विधेयक का मसौदा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने तैयार किया था और एक वर्ष से भी अधिक समय पहले इसे केंद्र सरकार को सौंप दिया था। संप्रग की पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के दौरान यह विधेयक अंतर मंत्रिमंडलीय सलाह़-मशविरे की प्रक्रिया में था।
गत चार जून को राष्ट्रपति के अपने अभिभाषण के दौरान सरकार ने इस समान अवसर आयोग के गठन के लिये प्रतिबद्धता जतायी थी।
आयोग के गठन का सुझाव सच्चर समिति की ओर से दिया गया था। इस समिति ने ही एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है कि मुस्लिमों में पिछड़ जाने के क्या कारण हैं।
सरकार सच्चर समिति की रिपोर्ट का कार्यान्वयन पहले ही कर चुकी है और अल्पसंख्यकों सहित हाशिये पर पहुंचे वर्गों ते सशक्तीकरण की प्रक्रिया में इस आयोग के गठन को अगला कदम माना जा रहा है। आयोग ने सुझाव दिया था कि सभी जातियों और धर्म से उपर उठकर वंचितों के सूचकांक के बनाम वंचित समूहों की पहचान की जाये। केंद्र सरकार के कुछ आयोगों के समान अवसर आयोग के संबंध में कुछ आपत्तियां जताए जाने के बावजूद सरकार इसके गठन की दिशा में आगे बढ़ने का फैसला कर चुकी है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग इस आधार पर समान अवसर आयोग के गठन के प्रति प्रतिरोध जता रहे हैं कि इससे कार्यों के बीच एक-दूसरे को लांाने वाली स्थिति बन जाएगी और यह संबंधित क्षेत्रों में सकारात्मक कदम उठाने के मकसद को दूर ले जायेगा।