भागदौड़ भरी जिंदगी में कुछ हटके है मॉर्निग वॉक
सितारे : अनुपम खेर, शर्मिला टैगोर, रजत कपूर, दिव्या दत्ता, श्यान मुंशी, नरगिस और अविका गौड़ निर्माता/बैनर : तपन बिस्वास/आईनॉक्स मोशन पिक्चर्स निर्देशक एवं लेखक : अरूप दत्ता गीत...
सितारे : अनुपम खेर, शर्मिला टैगोर, रजत कपूर, दिव्या दत्ता, श्यान मुंशी, नरगिस और अविका गौड़
निर्माता/बैनर : तपन बिस्वास/आईनॉक्स मोशन पिक्चर्स
निर्देशक एवं लेखक : अरूप दत्ता
गीत : निदा फाजली, संजीव तिवारी, दिबेन्दु मुखर्जी और शान
संगीत : जीत गांगुली
कहानी: जिंदगी को एक अलग नजरिये से देखने वाले प्रोफेसर जॉय मोहन का एक हंसता-खेलता परिवार है। एक ऐसा परिवार, जो देखने में खुशहाल है, लेकिन हंसी-खुशी के बीच कुछ दरारें भी हैं। एक दिन प्रोफेसर को उनके जन्मदिन के ही दिन दिल का दौरा पड़ता है। जीवन में कई उतार-चढ़ाव देख चुके जॉय मोहन को इस झटके से संभलने का एक रास्ता सूझता है। वह अपने परिवार, जिसमें उनका बेटा इंद्र (रजत कपूर), बहू रीटा (दिव्या दत्ता) और पोती गार्गी (अविका गौड़) है, के साथ दर्द के बीच रिश्तों की मिठास खोजने लगते हैं और कोलकाता से मुंबई चले आते हैं। एक दिन उनकी मुलाकात नीलिमा (शर्मिला टैगोर) से होती है। दो बच्चों की मां नीलिमा कभी प्रोफेसर की छात्रा हुआ करती थी। प्रोफेसर और नीलिमा के बीच के संवादों में दोनों के जीवन के कड़वी, लेकिन कुछ सच्चई भी उजागर होती हैं, क्योंकि नीलिमा की बेटी अंजलि (नरगिस) डॉक्टर बनना चाहती है और इसमें उसकी मदद करना चाहता है उसका दोस्त अजय।
निर्देशन: मसालेदार फिल्मों की भीड़ में निर्देशक अरूप दत्ता ने कुछ अर्थपूर्ण पेश करने की कोशिश की है। उन्होंने किरदारों को अपनी बात कहने का मौका दिया है। विभिन्न दृश्यों में परिवार के साथ खुशी बांटना और अपनापन जताने का अच्छा चित्रण किया है। हालांकि कई जगहों पर दो पीढ़ियों के झंझावात को दिखाने में वह भटक से गये।
अभिनय: अनुपम खेर ने पूरी फिल्म में बांधे रखा। शर्मिला टैगोर काफी अच्छी लगीं। अविका गौड़ अच्छी लगी हैं। दिव्या दत्ता और रजत कपूर ने भी अच्छा अभिनय किया है।
गीत-संगीत: गंभीर सोच और हंसी-खुशी का लाइट संगीत सुकून देने वाला है।
क्या है खास: जिंदगी के नजरिये को बदलने वाली सोच और उस पर अमल करते कहानी के किरदार।
क्या है बकवास: कई जगह फिल्म स्लो और नीरस भी है।
पंचलाइन: भागदौड़ भरी जिंदगी में कुछ हटके है मॉर्निग वॉक।