फोटो गैलरी

Hindi Newsलिब्रहान आयोग की रपट पर सरयू व अयोध्या दोनों खामोश

लिब्रहान आयोग की रपट पर सरयू व अयोध्या दोनों खामोश

राम के वनवास से भी लम्बी अवधि के बाद आई लिब्रहान आयोग की रपट पर सरयू और अयोध्या दोनों खामोश हैं। इस रपट के आने की रामनगरी की फिजा में न तो खुशी दिखी और न ही गम। आम अयोध्या वासियों में ज्यादातर न...

लिब्रहान आयोग की रपट पर सरयू व अयोध्या दोनों खामोश
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 01 Jul 2009 10:34 PM
ऐप पर पढ़ें

राम के वनवास से भी लम्बी अवधि के बाद आई लिब्रहान आयोग की रपट पर सरयू और अयोध्या दोनों खामोश हैं। इस रपट के आने की रामनगरी की फिजा में न तो खुशी दिखी और न ही गम। आम अयोध्या वासियों में ज्यादातर न लिब्रहान को जानते थे और न ही किसी आयोग को, जिन्हें इनके बारे में पता था उन्होंने सिर्फ यही कहा अब भर गए जख्म फिर न कुरेदो।

लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट आने के बाद रामनगरी के संघ परिवार से जुड़े धर्माचार्यो, कारसेवकपुरम् में विहिप नेताओं व विनय कटियार की मौजूदगी में भाजपा नेताओं में ही हलचल है। आम अयोध्या वासियों का इससे कोई सरोकार नहीं रहा। वह अपनी नित्य दिनचर्या में व्यस्त रहे।

लिब्रहान आयोग के गवाह रहे प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया के सदस्य शीतला सिंह ने कहा कि स्थितियाँ बदल गई हैं। हिन्दू  मंदिर निर्माण भूल गया और मुसलमान बाबरी मस्जिद। श्री सिंह ने कहा कि आम अयोध्या वासियों को अब अदालत के फैसले की कोई फिक्र नहीं। अयोध्या मुद्दे की कुछ सांस अब सिर्फ राजनीति में ही बाकी रह गई है।

आयोग की ही दूसरी गवाह और विवादित ढाँचे के विध्वंस की प्रत्यक्षदर्शी सुमन गुप्ता ने कहा कि 16 वर्षो बाद आई आयोग की रिपोर्ट पर यदि केन्द्र सरकार कोई कार्रवाई करती है तो अलग बात है नहीं तो इसका भी हश्र महाराष्ट्र के श्रीकृष्ण आयोग की रिपोर्ट की तरह होगा।

उन्होंने कहा कि अयोध्या मुद्दा इतने सालों में अब खत्म हो गया। यह रिपोर्ट वर्ष 1996 तक भी आ गई होती तो तस्वीर दूसरी होती। अब हिन्दू व मुसलमान दोनों विध्वंस के दर्द और निर्माण के उन्माद को भूलना चाहते हैं।

राजसदन के समीप के एक होटल संचालक अचल गुप्त ने कहा कि इतना वक्त बीत गया अब आयोग की रिपोर्ट का क्या मतलब। हाँ कुछ दिनों के लिए राजनीतिक दलों को जरूर एक मुद्दा मिल गया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें