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आडवाणी के उत्तराधिकारियों में मैं भी: शत्रुघ्न

पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भाजपा का सर्वमान्य नेता बताते हुए बॉलीवुड अभिनेता और पार्टी के वरिष्ठ नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि जब कभी भी उनके उत्तराधिकारी की तलाश होगी तो संगठन में उन...

आडवाणी के उत्तराधिकारियों में मैं भी: शत्रुघ्न
एजेंसीWed, 01 Jul 2009 03:18 PM
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पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को भाजपा का सर्वमान्य नेता बताते हुए बॉलीवुड अभिनेता और पार्टी के वरिष्ठ नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि जब कभी भी उनके उत्तराधिकारी की तलाश होगी तो संगठन में उन सहित काबिल नेताओं की कमी नहीं है।

सिन्हा ने विशेष बातचीत में कहा कि भारतीय जनता पार्टी में पूरी तरह से लोकतंत्र है और ऐसा तो है नहीं कि पिता के बाद पुत्र को ही गद्दी मिलेगी। उन्होंने कहा कि जो भी काबिल होगा और जिसमें चुनाव जीतने और जितवाने की क्षमता होगी वह पार्टी का नेता बनेगा । लेकिन एक बात साफ करना बहुत जरूरी है कि लालकृष्ण आडवाणी अभी हाल फिलहाल पार्टी छोड़कर संन्यास नहीं ले रहे हैं और अभी क्या आने वाले कई सालों तक वहीं पार्टी के सर्वमान्य नेता रहेंगे।

उनसे जब पूछा गया कि लेकिन आडवाणी कभी तो रिटायर होंगे, उसके बाद पार्टी की बागडोर कौन संभालेगा तो उन्होंने कहा कि पार्टी के पास नेताओं की कमी नहीं है और फिर मैं क्यों नहीं बन सकता पार्टी का नेता आखिर क्या कमी है मेरे में, पार्टी का स्टार प्रचारक हूं, लोकसभा चुनाव जीत कर आया हूं, समाज सेवा के क्षेत्र में हो या किसी अन्य क्षेत्र में मेरी अपनी एक अलग पहचान है।

सिन्हा का मानना है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं यशवंत सिन्हा, अरूण शौरी और जसवंत सिंह ने पार्टी फोरम पर जो गंभीर मुद्दे उठाये हैं उन पर पार्टी नेतृत्व को ध्यान देना चाहिए, क्योंकि ये पार्टी के बड़े नेता है और संस्थापक सदस्यों में से है।

सिन्हा ने कहा कि पार्टी की सेकेंड लाइन के कई नेता आडवाणी के बाद कौन... जैसे टेलीविजन चैनलों में आ रहे क्विज में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे है, ये ऐसे नेता है जो ड्राइंगरूम पॉलिटिक्स करते हैं और इनका चुनाव लड़ने में कोई विश्वास नहीं है, लेकिन इसके बावजूद यह पार्टी का सर्वोच्च पद पाने की लालसा रखते हैं।

फिल्मी पर्दे और बोलचाल में जोरदार डायलॉग बोलने के लिए प्रसिद्ध सिन्हा ने कहा कि इन नेताओं यशवंत सिन्हा, अरूण शौरी और जसवंत सिंह ने जो मुद्दे उठाए हैं उनमें दम है और उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इन तीनों नेताओं में एक खास बात यह है कि ये नेता जनता से जुड़े नेता हैं और इनमें पार्टी की दूसरी पंक्ति के कुछ नेताओं की तरह किसी भी तरह का पद या सत्ता पाने की कोई लालसा नहीं है।

इन नेताओं द्वारा पार्टी के अंदर उठाई गयी बातें मीडिया में लीक हो जाने के सवाल पर सिन्हा कहते हैं कि पार्टी में अनुशासन की कमी है और पार्टी की दूसरी पंक्ति के नेताओं को मीडिया में खबरें लीक करने और अखबारों में छपास का बहुत पुराना रोग है और इसी वजह से पार्टी के नेता मीडिया को बैठकों की अंदरूनी खबरें लीक करते हैं।

पार्टी की बातें मीडिया में लीक होने के बारे में सिन्हा ने बताया कि उन्हें ऐसी जानकारी मिली है कि इस बार जब पार्टी कार्यसमिति की बैठक चल रही थी तो कुछ नेता मीडिया कर्मियों को फोन लगाकर मोबाइल खुला छोड़ देते थे, जिससे अंदर बैठक में क्या हो रहा है यह सारी बातें मीडिया को तुरंत लाइव मिल जाती थीं।

हालिया लोकसभा चुनाव में पराजय से सत्ता का सपना टूटने से सेकंड लाइन के कुछ नेताओं के बौखलाने की बात करते हुए सिन्हा ने कहा कि कुछ नेताओं को अखबारों में छपास की बीमारी बुरी तरह लगी हुई है इसलिए वे मीडिया में बयानबाजी कर रहे हैं और टीवी चैनलों पर आडवाणी के बाद कौन का क्विज खेल रहे हैं।

कानपुर में रोटरी क्लब के एक कार्यक्रम में भाग लेने आए सिन्हा ने पार्टी की अंदरुनी राजनीति के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से बातचीत की। वह कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद सत्ता का ख्वाब देख रहे इन नेताओं का सपना बुरी तरह से बिखर गया है, इसलिये ये बौखला गये हैं और अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।

सिन्हा ने कहा कि इस बार एक मजबूत विपक्ष के रूप में भाजपा उभर कर आई है और उसके सामने कम्युनिस्ट अन्य छोटे-मोटे दल कहीं नहीं टिकते इसलिये पार्टी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि वह इस सरकार की मनमानी नीतियों और जनता की समस्याओं को लोकसभा और लोकसभा के बाहर बढ़-चढ़ कर उठायें ताकि सरकार अपनी मनमानी नीतियां लागू न कर सकें और जनता को भी लगे कि कोई पार्टी तो है जो सरकार के खिलाफ उसके समर्थन में खड़ी है।

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