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बुरी यादों को पीछे छोड़ना चाहते हैं धौनी

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कहा कि 2007 वर्ल्ड कप में शर्मनाक प्रदर्शन अब भी उनके जेहन में ताजा है और वह वेस्टइंडीज में चार मैचों की वनडे सीरीज जीतकर इन बुरी यादों को मिटाना...

बुरी यादों को पीछे छोड़ना चाहते हैं धौनी
एजेंसीFri, 26 Jun 2009 01:57 PM
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भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कहा कि 2007 वर्ल्ड कप में शर्मनाक प्रदर्शन अब भी उनके जेहन में ताजा है और वह वेस्टइंडीज में चार मैचों की वनडे सीरीज जीतकर इन बुरी यादों को मिटाना चाहते हैं।

शुक्रवार को होने वाले पहले मैच से पूर्व धौनी ने कहा कि बेशक, इसे भूलना आसान नहीं है। विशेषकर 2007 वर्ल्ड कप। इस तरह के टूर्नामेंट को भूलना हमेशा मुश्किल होता है। यहां अच्छा प्रदर्शन करना हमारे लिए महत्वपूर्ण होगा। बांग्लादेश और श्रीलंका के हाथों शर्मनाक हार के बाद भारत 2007 वर्ल्ड कप के पहले दौर से ही बाहर हो गया था।

वर्ल्ड कप के इस शर्मनाक प्रदर्शन से एक साल पहले वेस्टइंडीज ने वनडे सीरीज में अपनी सरजमीं पर भारत को 4-1 से रौंद दिया था। भारतीय टीम इंग्लैंड में हाल में संपन्न टी-20 वर्ल्ड कप में निराशाजनक प्रदर्शन कि बाद वेस्टइंडीज पहुंची है जहां गत विजेता टीम सेमीफाइनल में पहुंचने में भी विफल रही थी।

चोटिल वीरेंद्र सहवाग और जहीर खान की गैर-मौजूदगी ने टीम का काम और मुश्किल कर दिया है। इससे सहमत होते हुए धौनी ने कहा कि चोट की समस्या कभी अच्छी नहीं होती विशेषकर तब जब चोट आपके प्रमुख खिलाड़ियों को लगी हो लेकिन अब जब ऐसा हो चुका है तो अच्छी बात यह है कि इसने हमें बेंच स्ट्रेंथ को परखने का मौका दिया है। उन्होंने कहा कि जहां तक भारत का सवाल है, हमारे पास काफी प्रतिभा है लेकिन यहां सवाल सामंजस्य बैठाने का है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में काफी कुछ प्रतिभा पर निर्भर नहीं होता। मायने यह रखता है कि आप दबाव से कैसे निपटते हो और क्या करते हो।

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