फोटो गैलरी

Hindi Newsकश्मीर पर मध्यस्थता नहीं करेगा यूएस: ओबामा

कश्मीर पर मध्यस्थता नहीं करेगा यूएस: ओबामा

कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका की ओर से मध्यस्थता से इनकार करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव घटाने के लिए बातचीत सबसे बेहतर उपाय है। पाकिस्तान के डॉन टीवी को...

कश्मीर पर मध्यस्थता नहीं करेगा यूएस: ओबामा
एजेंसीSat, 20 Jun 2009 11:48 AM
ऐप पर पढ़ें

कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका की ओर से मध्यस्थता से इनकार करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव घटाने के लिए बातचीत सबसे बेहतर उपाय है।

पाकिस्तान के डॉन टीवी को दिए गए इंटरव्यू में ओबामा ने कहा कि मेरा मानना है कि अवसर है। हो सकता है इसकी शुरुआत कश्मीर की बजाय अन्य मुद्दों से करें और भारत तथा पाकिस्तान एक साथ बातचीत कर तनाव मिटाने का प्रयास कर सकते हैं और साझा हितों के क्षेत्र को पा सकते हैं।

ओबामा ने यह जवाब उस सवाल पर दिया जिसमें उनसे पूछा गया था कि उनका प्रशासन कश्मीर मुद्दे पर चुप क्यों है, जबकि शुरुआत में उसने उसका उल्लेख किया था। ओबामा ने कहा कि मेरा मानना है कि हम चुप रहे हैं कि भारत अमेरिका का गहरा मित्र है और पाकिस्तान भी अमेरिका का गहरा मित्र है।

मित्रों को लड़ते देखकर हमें दुख होता है। हम पाकिस्तान या भारत को निर्देश नहीं दे सकते कि कैसे उन्हें अपने मतभेद को खत्म करना चाहिए, लेकिन हम जानते हैं कि अगर दोनों देश अपने मतभेदों को सुलझा लेते हैं तो दोनों खुशहाल होंगे। भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने से इनकार करते हुए ओबामा ने कहा हम प्रगति में मददगार होना चाहते हैं। लेकिन मैं नहीं मानता कि उस प्रक्रिया में हमारी तरफ से मध्यस्थता करना होगा उचित होगा। मेरा मानना है कि यह कुछ ऐसा है जिसकी पाकिस्तानी और भारतीय नेतत्व की जिम्मेदारी है।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत बहाल करने को कहा है, तो ओबामा ने कहा, हमारा मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव घटने से पूरा दक्षिण एशिया लाभान्वित होगा। ओबामा ने हाल में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र भेजा था। यह पत्र अमेरिका के विदेश मंत्रालय में राजनैतिक मामलों के उपमंत्री विलियम बन्र्स ने सौंपा था।

उन्होंने कहा, मेरा मानना है कि बातचीत तनाव घटाने का सबसे बेहतर उपाय है। इसलिए आप जानते हैं कि हम प्रधानमंत्री सिंह और राष्ट्रपति जरदारी के बीच हाल में हुई मुलाकात से आशान्वित हैं। यह व्यापक बातचीत नहीं थी, लेकिन यह शुरुआत थी जो भविष्य में और अधिक सफल बातचीत में परिणत हो सकती है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें