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‘बजट में हो आम आदमी का चेहरा’

कांग्रेस मनमोहन सरकार की दूसरी पारी के पहले बजट में अपने ‘आम आदमी’ का चेहरा देखना चाहती है। बजट में देश की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने के प्रयासों के साथ ही ऐसे उपाय भी किए जाएं जिनसे...

‘बजट में हो आम आदमी का चेहरा’
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 16 Jun 2009 12:58 AM
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कांग्रेस मनमोहन सरकार की दूसरी पारी के पहले बजट में अपने ‘आम आदमी’ का चेहरा देखना चाहती है। बजट में देश की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने के प्रयासों के साथ ही ऐसे उपाय भी किए जाएं जिनसे अगले कुछ महीनों में होने वाले उपचुनावों, महाराष्ट्र, हरियाणा और संभवत: झरखंड विधानसभा चुनावों में कांग्रेस लाभान्वित हो सके।

पार्टी चाहती है कि बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी सुविधाओं, पर्यावरण संरक्षण पर और अधिक ध्यान दिया जाए तथा गरीबों की स्थिति सुधारने तथा रोजगार के अवसर बढ़ाने पर विशेष प्रावधान हों। बजट के लिए अपनी पार्टी का एजेंडा समझने के लिए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी सोमवार को कांग्रेस मुख्यालय में आए और पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की।

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्री से कहा गया है कि उनके बजट में उन नीतियों और कार्यक्रमों पर विशेष फोकस होना चाहिए जिनके चलते कांग्रेस को पिछले लोकसभा चुनाव में आशातीत सफलता मिली है। मुखर्जी ने देश और दुनिया की वित्तीय स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि वित्तीय स्थिति चिंताजनक बनी हुई है लेकिन घबराने की कतई जरूरत नहीं है।

वित्त मंत्री के साथ हुई बजट पूर्व बैठक में पार्टी नेताओं ने पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं को और प्रभावी ढंग से लागू करने, बुनियादी सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्यान देने तथा गरीबों की मदद के लिए राष्ट्रीय रोजगार योजना जैसे रोजगार के प्रभावी एवं स्थाई कदम उठाने के सुझाव दिए।

आयकर की छूट सीमा बढ़ाने विशेषकर बुजुर्गों और सेवानिवृत्त लोगों को  और राहत देने के भी सुझाव दिए गए। करीब दो घंटे चली इस बैठक में शामिल प्रमुख नेताओं में सूचना प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता अर्जुन सिंह, शिवराज पाटिल, पार्टी के कोषाध्यक्ष मोती लाल वोरा, महासचिव जनार्दन द्विवेदी, दिग्विजय सिंह, अजीत जोगी, ऑस्कर फर्नांडीस, जयराम रमेश के साथ ही कांग्रेस के सचिव, विभिन्न प्रकोष्ठों के प्रमुख तथा प्रवक्ताओं ने भी हिस्सा लिया।

प्रणब ने बैठक के बाद कहा कि वह अगले माह पांच जुलाई को पेश किए जाने वाले बजट के सिलसिले में विभिन्न लोगों और संगठनों से बातचीत कर रहे हैं। सोमवार की बैठक इसी प्रक्रिया का हिस्सा थी। इससे पहले उन्होंने पार्टी सांसदों की राय ली थी।

उन्होंने बैठक में आए सुझवों के बारे में कुछ भी कहने से इनकार करते हुए कहा कि वित्त मंत्री का काम विचारों और सुझावों को सुनना है उसके बारे में प्रतिक्रिया देना नहीं है। वह अपनी बात बजट के जरिए देश के सामने रखेंगे।

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