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Hindi Newsमाकपा और तृणमूल के बीच हिंसक झड़प जारी है, माओवादियों के निशाने पर माकपा

माकपा और तृणमूल के बीच हिंसक झड़प जारी है, माओवादियों के निशाने पर माकपा

चुनाव बाद हिंसा जारी रहने के कारण बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। सोमवार को पश्चिमी मेदिनीपुर का लालगढ़ फिर युद्ध क्षेत्र बना गया। संसदीय चुनाव के बाद इलाका दखल को लेकर...

माकपा और तृणमूल के बीच हिंसक झड़प जारी है, माओवादियों के निशाने पर माकपा
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 15 Jun 2009 10:52 PM
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चुनाव बाद हिंसा जारी रहने के कारण बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। सोमवार को पश्चिमी मेदिनीपुर का लालगढ़ फिर युद्ध क्षेत्र बना गया। संसदीय चुनाव के बाद इलाका दखल को लेकर माओवादियों व माकपा के बीच जारी इस युद्ध के दौरान सोमवार को लालगढ़ में माकपा दफ्तर व माकपा नेताओं के घर हमला बोला गया।

हथौड़ी लिए आधा दजर्न लोगो ने माकपा जोनल कमेटी के सचिव अनुज पांडे के दो मंजिले आलीशान मकान में देर तक तोड़-फोड़ की। अनुज पांडे ने हिन्दुस्तान से कहा कि वे लालगढ़ के माओवादियों के डर से सुदूर इलाके में आश्रय लिए हुए हैं। धरमपुर माकपा लोकल कमेटी के दफ्तर में भी तोड़-फोड़ की गई। माओवादियों ने सोमवार को रामगढ़ पुलिस कैंप में आग भी लगा दी।

माओवादी व जनसाधारण प्रतिरोध कमेटी के समर्थक पुलिस को लालगढ़ में प्रवेश नहीं करने दे रहे हैं। सोमवार की आगजनी व तोड़फोड़ के पहले रविवार को माओवादियों ने लालगढ़ माकपा के तीन कैडरों को मार डाला था। लालगढ़ माकपा के छह नेता लापता हैं। लालगढ़ के अलावा पूर्वी मेदिनीपुर का खेजुरी भी अशांत चल रहा है।

सोमवार को तृणमूल कांग्रेस कार्यकताओं ने पुलिस कैंप हटाने की मांग को लेकर खेजुरी थाने का घेराव किया। खेजुरी में आम लोगों ने पुलिस बायकाट कर रखा है। खेजुरी में गत दिनों जिन माकपा नेताओं के घर व दफ्तर से भारी संख्या में हथियार बरामद हुए थे, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करने की जगह तृणमूल कांग्रेस के 13 कार्यकताओं को गिरफ्तार कर लिया गया, उसके विरोध में ही वहां आम जनता ने पुलिस का बायकाट शुरू कर रखा है।

वाममोर्चा अध्यक्ष विमान बसु ने तृणमूल कांग्रेस पर लालगढ़, खेजुरी व अन्यत्र हिंसा व अराजकता फैलाने का आरोप लगाया है जबकि तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी से भेंटकर आरोप लगाया कि राज्य में चुनाव बाद जारी हिंसा राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित है।

इसे रोकने के लिए उन्होंने राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग की। ममता ने आरोप लगाया कि हिंसा रोकने में राज्य प्रशासन पूरी तरह नाकाम रहा है। उन्होंने कहा कि चुनाव बाद माकपा कैडरों के हमले में तृणमूल के 23 कार्यकर्ता मारे गए हैं। हजारों कार्यकर्ता माकपा कैडरों के भय से घर छोड़कर भाग गए हैं।

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