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राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की समीक्षा में डीएम ने जताई नाराजगी

जनपद की मशीनरी ग्रामीण मजदूरों को रोजगार देने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। जिले में चालू वित्तीय वर्ष में मात्र 360 परिवारों को ही रोजगार उपलब्ध कराया जा सका है। जनपद में बीते वित्तीय वर्ष...

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की समीक्षा में डीएम ने जताई नाराजगी
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 09 Jun 2009 10:57 PM
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जनपद की मशीनरी ग्रामीण मजदूरों को रोजगार देने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। जिले में चालू वित्तीय वर्ष में मात्र 360 परिवारों को ही रोजगार उपलब्ध कराया जा सका है। जनपद में बीते वित्तीय वर्ष में शासन से मिली धनराशि भी पूरी खर्च नहीं की जा सकी थी। यही नहीं बीते वित्तीय वर्ष में शुरू किये गये आधे से ज्यादा कार्य अभी पूरे नहीं हुए हैं। जिलाधिकारी शैलेष बगोली ने नरेगा की समीक्षा के दौरान सख्त नाराजगी जहिर करते हुए संबंधित अधिकारियों को लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिये हैं।

ग्रामीण मजदूरों को उनके निवास स्थल पर ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना की हालत जनपद में बेहद दयनीय है। जिलाधिकारी ने समीक्षा की तो सरकारी आकड़ों ने अफसरों की कलई खोल दी। मुख्य विकास अधिकारी रविनाथ रामन ने बताया कि गत वित्तीय वर्ष में नरेगा में 978.82 लाख रुपये उपलब्ध कराए गये, इसमें से विभिन्न क्षेत्रों में चलाई गयी योजनाओं में मात्र 859.19 लाख रुपये ही मजदूरी के रूप में दिये गये।

अफसर 119.63 लाख रुपयों का इस्तेमाल ही नहीं कर सके। आंकड़ों की बात करें तो बीते वित्तीय वर्ष में 92974 पंजीकृत परिवारों के 10282 लोगों को ही मजदूरी का मौका मिल सका। अफसरों की लापरवाही की पोल इससे भी खुलती है कि योजना का पैसा वापस न चला जए, इसलिए बंदरबांट करते हुए कागजों पर योजनाएं बनाकर धन स्वीकृत करा लिया। यही कारण है कि 725 कार्य शुरू किये गये थे, जिनमें से 443 कार्य नये वित्तीय वर्ष के ढाई महीने में भी पूरे नहीं हो सके हैं।

चालू वित्तीय में हालत और भी बदहाल हैं। माह मई तक योजना के अंतर्गत 199.07 लाख रुपये की धनराशि उपलब्ध हुई, इनमें से मात्र 26.49 लाख रुपये ही अब तक मजदूरी के रूप में व्यय किये गये हैं। इस वित्तीय वर्ष में 93047 परिवारों को इस योजना के अंतर्गत पंजीकृत किया गया है, जिसमें 360 परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। सीडीओ ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में 443 कार्य शुरू किये ज चुके हैं।

जिलाधिकारी ने मातहतों की ढील पर सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिये हैं कि चालू वित्तीय वर्ष में अधिकाधिक परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराना सुनिश्चत करें। प्रारम्भ कार्यो को प्रत्येक दशा में अगस्त तक पूरे करा दें, जिससे बची धनराशि से नये कार्य शुरू कराए ज सकें। बैठक में परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण दिलीप चन्द्र आर्य सहित समस्त खंड विकास अधिकारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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