दो टूक
दिल्ली-एनसीआर के सैंकड़ों लोगों से करोड़ों की रकम लेकर फरार होने वाले सुभाष अग्रवाल की कहानी बड़ी दिलचस्प है। लेकिन उससे भी दिलचस्प है नटवरलालों के चंगुल में आसानी से फंस जने की पब्लिक की फितरत। एक...
दिल्ली-एनसीआर के सैंकड़ों लोगों से करोड़ों की रकम लेकर फरार होने वाले सुभाष अग्रवाल की कहानी बड़ी दिलचस्प है। लेकिन उससे भी दिलचस्प है नटवरलालों के चंगुल में आसानी से फंस जने की पब्लिक की फितरत। एक आम भारतीय कहीं न कहीं पैसे दुगने करने वाले चमत्कार खोजता है।
सबको एक जदू की छड़ी चाहिए। एक शार्टकट, जो देखते-देखते अमीर बना दे। दो फीसदी ज्यादा ब्याज मिले तो लोग बैंक से जमापूंजी निकाल अजनबी को थमा देते हैं। रोज चिट फंडों की करतूतों की खबरें छपती हैं। रोज महाठगों का खुलासा होता है।
लेकिन कुछ तो काले धन से जुड़ी मजबूरियां हैं और कुछ मन का लालच, लोग गलती कर बैठते हैं। आज सब सुभाष की गिरफ्तारी और सज की मांग कर रहे हैं। लेकिन क्या हम अपने लालच को भी कोई सज देंगे? अपनी लापरवाहियों की शिनाख्त करेंगे?