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कैम्पस में बाबाओं का शिकंजा

ग्रेजुएशन पूरी किए एक दशक से ज्यादा बीत गया है लेकिन फिर भी दाखिला सत्र के दौरान कैम्पस में ऐसे कई पुराने चेहरे नजर आ जाते हैं जिनका एडमिशन प्रक्रिया से कोई लेना देना नहीं है। इनकी मौजूदगी को कैम्पस...

कैम्पस में बाबाओं का शिकंजा
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 06 Jun 2009 11:10 PM
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ग्रेजुएशन पूरी किए एक दशक से ज्यादा बीत गया है लेकिन फिर भी दाखिला सत्र के दौरान कैम्पस में ऐसे कई पुराने चेहरे नजर आ जाते हैं जिनका एडमिशन प्रक्रिया से कोई लेना देना नहीं है। इनकी मौजूदगी को कैम्पस में बाबाओं की सक्रियता कहा जाता है और अक्सर दाखिला सत्र के दौरान सब मैनेज हो जाएगा का फंडा लेकर यह बाबा कैम्पस में यहां वहां धूमते नजर आ जाते हैं इस बार भी ऐसे बाबाओं ने कैम्पस में अपनी दस्तक दे दी है। नम्बर कम हो या फिर, स्पोर्ट्स सर्टिफिकेट की दरकरार हर मर्ज की दवा लिए यह बाबा एडमिशन की गारंटी ऐसे लेते हैं जैसे की कटऑफ उनके ही हाथ में है। अक्सर ऐसे बाबाओं की छत्रछाया में जाने वाले छात्रों को पछताना पड़ता है,क्योंकि 16 जुलाई को जब कॉलेज खुलते है तो पता चलाता है कि लाखों गंवाने के बाद भी उनका दाखिला नहीं हुआ है।


हिन्दू कॉलेज के एक शिक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बीते साल उनके कॉलेज में एक ऐसा ही मामला उस समय उजागर हुआ जब मध्यप्रदेश का एक छात्र अगस्त माह में कॉलेज पहुंच खुद कॉमर्स का छात्र बताने लगा। रिकॉर्ड के मुताबिक उसका दाखिला हुआ ही नहीं था। मामला गर्माया तो पता चला कि इस छात्र के पास कॉलेज का आईडी भी है और उसने किसी व्यक्ति को दाखिले के एवज में 40 हजार रुपये का भुगतान भी किया है। शिक्षक ने बताया कि मामले की जब सर्तकता से जांच की गई तो पता चला कि इस प्रकरण में डीयू के एक पूर्व छात्र का ही हाथ था, जिसे बाद में पकड़ लिया गया। पकड़े जाने पर पूर्व छात्र ने अपनी गलती कबूली और पीड़ित छात्र को उसके पैसे लौटा दिए। इस तरह एक जरा-सी असावधानी के चलते मध्यप्रदेश से आए उस छात्र का एक साल यू ही खराब हो गया।


ऐसे ही बाबाओं की संगत में रहने वाले मानसरोवर हॉस्टल के एक छात्र ने बताया कि एडमिशन की गारंटी लेने वालों के निशाने पर हमेशा से वह बाहरी छात्र होते है जिन्हें दिल्ली व डीयू की ज्यादा जानकारी नहीं है। कटऑफ का डर दिखाकर यह बाबा ऐसे भोले-भाले बाहरी छात्रों को बरगलाने का काम करते हैं और टॉप कॉलेज में एडमिशन दिलाने का आशवासन देकर उनसे लाखों रुपये ऐंठ लेते है। फर्जी आईकार्ड बनाने में यह बाबा महारत प्राप्त होते हैं और पैसा मिला नहीं कि यह कैम्पस से छूमंतर होने में भी मिनट नहीं लगाते है, तो सावधान हो जाए कहीं ऐसा न हो कि ड्रीम कॉलेज की तमन्ना ही न ले डूबे।

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