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सरकार ने पिछले साल से सबक सीखने का दिया निर्देश

तबादला माह (जून) आते ही सरकारी महकमों में अधिकारियों ने भी दौड़ लगानी शुरू कर दी है। हालांकि पिछले साल कुछ विभागों में बड़े पैमाने पर हुए स्थानांतरण से परेशानी में पड़ी सरकार ने सभी विभागों को नीति...

सरकार ने पिछले साल से सबक सीखने का दिया निर्देश
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 05 Jun 2009 08:19 PM
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तबादला माह (जून) आते ही सरकारी महकमों में अधिकारियों ने भी दौड़ लगानी शुरू कर दी है। हालांकि पिछले साल कुछ विभागों में बड़े पैमाने पर हुए स्थानांतरण से परेशानी में पड़ी सरकार ने सभी विभागों को नीति एवं प्रक्रियाओं का दृढ़ता से पालन करने का कड़ा निर्देश जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग में भी पिछले साल सैंकड़ों डाक्टरों का स्थानांतरण और फिर ऊपरी आदेश से रोक लगने से डाक्टरों के साथ ही विभाग की भी काफी फजीहत हुई थी।

इसे लेकर सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को स्थानांतरण एवं पदस्थापन के लिए नियमों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। प्रधान सचिव को जारी निर्देश में कहा गया है कि वर्ष 2008 के जून में किये गये स्थानांतरण की उच्चस्तरीय समीक्षा में यह तथ्य सामने आया कि कई मामलों में नियमों का पालन नहीं हुआ था। ऐसी स्थिति में इस बार नियमों एवं संकल्पों का पूर्ण पालन कर तबादला किया जाए। यह नीति बन चुकी है कि सामान्य तबादला साल में एक ही बार सिर्फ जून होगा।

सेवानिवृति के अंतिम वर्ष में ही कर्मी के मनोनुकूल स्थान पर तबादला करना है। इसके अतिरिक्त किसी भी सूरत में कर्मी का तबादला गृह जिला में नहीं होगा। कम से कम तीन वर्ष की सेवावधि पूरी होने के बाद ही तबादला किया जाए। तीन साल की यह अवधि 30 जून को पूरा होना चाहिए। यह अवधि कुछ मामलों में शिथिल की जा सकती है। यदि पति-पत्नी के एक जगह पदस्थापन का अनुरोध करते हों।

कर्मी स्वयं अस्वस्थ हो। कर्मी के निकट परिवार के किसी सदस्य (पति, पत्नी, बच्चे, माता या पिता) गंभीर रूप से अस्वस्थ हो। आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि प्रधान सचिव  कार्यपालिका नियमावली के नियमों, मंत्रिमंडल सचिवालय के संकल्पों तथा इस मार्गदर्शन से अपने मंत्री को अवगत करायें ताकि उन्हें निर्णय लेने में सुविधा हो।

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