दहेज लोभियों के लिए दया की गुंजाइश नहीं:सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दहेज के लिए नवविवाता युवतियों को जला देने के मामलों की सोमवार को कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस कुप्रथा पर रोक लगाने के लिए ऐसे लोगों को फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। न्यायमूर्ती...
सुप्रीम कोर्ट ने दहेज के लिए नवविवाता युवतियों को जला देने के मामलों की सोमवार को कड़ी निंदा करते हुए कहा कि इस कुप्रथा पर रोक लगाने के लिए ऐसे लोगों को फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ती मार्कण्डेय काटजू और न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने इस तरह के एक मामले के याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि अवकाश के बाद उन्हें अपना भाग्य किसी अन्य पीठ के सामने आजमाना चाहिए और यदि हम उस पीठ में हुए तो निश्चय ही हम कड़ी सजा सुनाएंगे।
एक नवविवाहिता को जलाने के मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने तीन व्यक्तियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति काटजू ने यह टिप्पणी की।
इनमें मृतका का पति, उसका बड़ा भाई और एक अन्य व्यक्ति शामिल है। महिला को उसके ससुराल वालों ने उस समय जला दिया था जब उसके माता-पिता उनकी बढ़ती दहेज की मांग को पूरा नहीं कर सके थे।