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संभावनाओं का जैकपॉट है मेडिकल क्षेत्र

मैं मेडिकल की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सका, ऐसे में मैंने बीएससी (गणित) लिया। मैंने बारहवीं की कक्षा में पीसीबीएम लिया था, लेकिन मेरी ज्यादा रुचि मेडिसन और उससे जुड़े क्षेत्रों में है। क्या...

संभावनाओं का जैकपॉट है मेडिकल क्षेत्र
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 01 Jun 2009 11:28 PM
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मैं मेडिकल की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सका, ऐसे में मैंने बीएससी (गणित) लिया। मैंने बारहवीं की कक्षा में पीसीबीएम लिया था, लेकिन मेरी ज्यादा रुचि मेडिसन और उससे जुड़े क्षेत्रों में है। क्या ऐसा कोई स्पेशलाइजेशन है, जिसे करने के बाद मैं हैल्थकेयर और मेडिसन के क्षेत्र के योग्य बन सकूं।

एक विकल्प जो सबसे पहले दिमाग में आता है, वो है बायोस्टेटिक्स का, जो दो विभिन्न संकायों से मिलकर बना है। इस क्षेत्र में स्टेटिक्सकल मैथड और एकत्र करने की तकनीक, लिविंग आर्गेनिज्म और बायोलॉजिकल सिस्टम में डाटा को मैनेज और विश्लेषित किया जता है। किन लक्षणों के द्वारा इस की पहचान की जए है कि शरीर में अमुक बीमारी हो सकती है, हैल्थ और बायोलॉजिकल साइंस के स्पेसिफिक एप्लीकेशन का अध्ययन किया जता है। बाजर में नई दवा लांच करने से पहले उनके क्‍लीनिकल ट्रायल का काम भी इसी क्षेत्र के अंतर्गत आता है। ट्रायल के तीन चरण होते है।

पहले चरण में ड्रग की टॉक्सिटी की जंच की जती है। दूसरे चरण में इस बात को देखा जता है कि ड्रग की कीमत कितनी है और अंतिम चरण में इसकी कितनी खुराक जरूरी है कि इस बात को जंचा जता है। हालांकि  बायोस्टेटिक्स और अप्लायड स्टेटिक्स भारत में अभी शुरुआती चरण में है। इसे करने के बाद आप प्रोगाम मैनेजमेंट, पॉलिसी एनालिसिस और टीचिंग के क्षेत्र में काम कर सकते हैं। आप डॉक्टरों, पैरामेडिक्स, फॉर्मेकोलॉजिस्ट, सोशियोलॉजिस्ट और अन्य प्रोफेशनल के साथ काम कर सकते है।

इस क्षेत्र में प्रशिक्षित लोगों की काफी दरकार है। नए मैथड जसे कि न्यूरल नेटवर्क मॉडलिंग ने इस क्षेत्र को उन लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण और आकर्षक बना दिया है, जिन्होंने गणित या कंप्यूटर साइंस से स्नातक पूरा किया है और जिनकी रुचि हैल्थ और मेडिकल साइंस में है। चंद विश्वविद्यालय ही ऐसे हैं, जो बायोस्टेटिक्स के क्षेत्र में मास्टर स्तर पर स्पेशलाइजेशन कराते है। सामान्यत : इस कोर्स में दाखिले के लिए आपके पास इस कोर्स में गणित, अप्लायड मैथमेटिक्स या स्टेटिक्स में स्नातक स्तर की डिग्री होनी चाहिए।

इंडियन स्टेटिस्टकल इंस्टीटच्यूट (आईएसआई), 203, बैरकपुर ट्रंक रोड, कोलकाता (दिल्ली सहित 11 केंद्र)
कोर्सः एमएससी स्टेट्स (स्पेशलाइजेशन : बायोस्टेटिक्स, अप्लायड मैथ एंड स्टेट्स)
पुणो विश्वविद्यालय, बीएससी और एमएससी स्तर पर बायोस्टेटिक्स को एक विषय के तौर पर कराती है।
आईआईटी मुंबई, अप्लायड स्टेटिक्स और इंफरेमेटिक्स में कोर्स ऑफर करती है।
मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई
कोर्सः एमएससी, बायोस्टेटिक्स
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर
कोर्सः एमएससी  (मेडिकल)
बीएचयू, वाराणासी
कोर्सः एमएससी, हैल्थ स्टेटिक्स

मैं बारहवीं का छात्र हूं। प्रकाशिकी (ऑप्टिक्स) विषय में मेरी काफी रुचि है। मैं फोटोनिक्स में शोध करना चाहता हूं। मुङो ऐसे संस्थानों के बारे में जनकारी दें, जो इन क्षेत्रों से संबधित कोर्स कराते हैं।

आपने सही समय पर वाजिब सवाल पूछा है। कोचीन यूनिवíसटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी का इंटरनेशनल स्कूल ऑफ फोटोनिक्स है। यह देश की बेहतरीन फोटोनिक्स प्रयोगशालाओं में से एक है। यह मुल्क के उन चंद विश्वविद्यालयों में से एक है, जो फोटोनिक्स के शोध, विकास और शिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। फोटोनिक्स एक उच्च स्तरीय विषय है, जो कि ऑप्टिकल टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक्स का मेल है। फोटोनिक्स इंडस्ट्री का स्कोप बहुत ज्यादा है। कम्युनिकेशन, कंप्यूटिंग, डिफेंस और इंटरटेनमेंट के क्षेत्र में भी इसका काफी प्रभाव है। कठिन प्रतिस्पर्धा के इस दौर में इस कोर्स को करने के बाद आपको फाइबर ऑप्टिकल कंपोनेंट और सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में बेहतर नौकरी मिल सकती है। फोटोनिक कंपनी जो कि ऑप्टिकल कंपानेंट, सिस्टम और सॉफ्टवेयर की सप्लाई करते हैं। इन कंपनियों का बाजर तेजी से बढ़ा है। इन सभी कंपनियों को डिजइन, मैनुफैक्चर और फोटोनिक कंपोनेंट को टेस्ट करने के लिए स्नातक और एक्सपर्ट की जरूरत पड़ती है।

सीयूएसएटी फोटोनिक्स में पांच वर्ष का इंट्रीग्रेटेड एमएससी प्रोगाम कराता है। कोर्स में भौतिकी से संबधित कंपानेट ज्यादा होते हैं। गणित, रसायन विज्ञान और सांख्यिकी का कोर्स में जिक्र कम होता है। इस कोर्स में प्रैक्टिकल पर ज्यादा जोर रहता है। तीसरे सेमेस्टर से ही आप किसी फैकलटी मेंबर से प्रैक्टिकल चीजों के बारे में जनकारी लेना शुरू कर दें। दसवां सेमेस्टर पूरी तरह से प्रोजेक्ट वर्क का होता है। जो कि किसी इंडस्ट्री की रिसर्च और इंडस्ट्री लैब या किसी नेशनल लैब से किया ज सकता है। छात्रों को टाटा इंस्टीटच्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई और नेशनल फिजिकल प्रयोगशाला, नई दिल्ली में प्रोजेक्ट वर्क के लिए भेज जता है। कुछ लोग प्रोजेक्ट के साथ-साथ इंटर्नशिप के लिए बाहर जते हैं। इसके बाद आप अमेरिका, यूरोप और जपान के किसी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से  डॉक्टरल प्रोगाम कर सकते हैं।

योग्यता बारहवीं (पीसीएम 50 प्रतिशत अंको के साथ)
भौतिक विज्ञान और गणित में बीएससी छात्र भी एमएससी फोटोनिक्स कर सकते हैं।
चयन आल इंडिया इंट्रेस एग्जम द्वारा
फीस आठ हजर रुपए प्रति सेमेस्टर

सीयूएसएटी इंटरनेशल स्कूल ऑफ फोटोनिक्स ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स और लेजर टेक्नोलॉजी में एमटेक, एमफिल और पीएचडी कराती है।

केरल विश्वविद्यालय, ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट, तिरूवनंतपुरम ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स और लेजर टेक्नोलॉजी में एम.टेक, एम.फिल और पीएचडी कोर्स कराता है। मद्रास विश्वविद्यालय एमएससी फोटोनिक्स और बायोफोटोनिक्स कोर्स कराता है।

भारतीदसन विश्वविद्यालय, पेरियार का भौतिकी विभाग, फोटोनिक्स में एम.एस.सी कराता है। इसके लिए बीएससी में आपके पास भौतिकी या अप्लायड फिजिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स होना चाहिए। वर्तमान में सीयूएसएटी और दिल्ली, आईआईटी ही सिर्फ फोटोनिक्स में एम.टेक और पी.एच.डी कोर्स कराते हैं।

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