फोटो गैलरी

Hindi Newsकांग्रेस के मसौदे में 30 साल कैद, रासायनिक बंध्याकरण

कांग्रेस के मसौदे में 30 साल कैद, रासायनिक बंध्याकरण

राजधानी दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की घटना के बीच कांग्रेस ने एक विधेयक के मसौदे में दुष्कर्म के दोषियों के लिए 30 साल तक की कैद का प्रस्ताव रखा है और दुर्लभ मामलों में दोषियों को रासायनिक प्रक्रिया...

कांग्रेस के मसौदे में 30 साल कैद, रासायनिक बंध्याकरण
एजेंसीSun, 30 Dec 2012 11:35 PM
ऐप पर पढ़ें

राजधानी दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की घटना के बीच कांग्रेस ने एक विधेयक के मसौदे में दुष्कर्म के दोषियों के लिए 30 साल तक की कैद का प्रस्ताव रखा है और दुर्लभ मामलों में दोषियों को रासायनिक प्रक्रिया से नपुंसक बनाने तक का प्रावधान शामिल करने का प्रस्ताव है।

सूत्रों ने बताया कि कांग्रेसी विधेयक का अंतिम मसौदा न्यायमूर्ति जे एस वर्मा के नेतृत्व वाली उस समिति को सौंपा जाएगा, जिसका गठन केंद्र सरकार ने 16 दिसबर की दहला देने वाली घटना के बाद किया। हालांकि कानून के मसौदे को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।

इस कड़े कानून के कुछ प्रस्तावित प्रावधानों में बलात्कार के दोषियों को 30 वर्ष तक की सजा और ऐसे मामलों में तीन महीने में निर्णय करने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन करना शामिल है।

कानून के प्रावधानों पर चर्चा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मौजूदगी में गत 23 दिसम्बर को हुई थी, जब उन्होंने सामूहिक बलात्कार की घटना के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों के एक समूह के साथ बैठक की थी।

किशोर वय और उनसे कम उम्र के बच्चों से जुड़े कानूनों को फिर से परिभाषित करने का भी सुझाव है। हालिया सामूहिक बलात्कार मामले में एक आरोपी की उम्र 18 साल से कुछ महीने कम है। एक वर्ग ने यह विचार रखा कि 15 साल से कम उम्र के बच्चों को ही किशोर की परिभाषा के दायरे में लाया जाना चाहिए।

सोनिया गांधी नीत राष्ट्रीय सलाहकार परिषद को इस पूरी कवायद में शामिल किया जा सकता है, जिसने आरटीआई जैसे कई महत्वपूर्ण कानूनों का मसौदा तैयार किया है। सूमों ने कहा कि कृष्णा तीरथ के नेतृत्व वाले महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने गत शुक्रवार को इस मुद्दे पर विभिन्न हितधारकों से लंबी बैठक की थी जिसके दौरान कई सुझाव सामने आए।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय प्राप्त सुझावों का सारांश तैयार करके न्यायमूर्ति वर्मा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय समिति को सौंपेगा, जिसका गठन महिलाओं के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए वर्तमान कानूनों की समीक्षा करने के वास्ते सिफारिशें करने के लिए किया गया है।

सूत्रों ने कहा कि अभी तक कोई सरकारी मसौदा नहीं है। हम जो सारांश जे एस वर्मा समिति को सौंपेंगे वह पहला लिखित दस्तावेज होगा, जिस पर नया कानून आधारित होगा। सोनिया ने 10 जनपथ स्थित अपने आवास पर प्रदर्शनकारियों के साथ बैठक के दौरान बलात्कार के मामलों की सुनवायी के लिए फास्ट ट्रैक अदालतें गठित करने का समर्थन किया था, जिसमें 90 दिन में फैसला सुनाने का प्रावधान हो। वहीं पार्टी प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने यह कहते हुए बलात्कार दोषियों को रासायनिक प्रक्रिया से नपुंसक बनाने का कड़ा समर्थन किया था कि ऐसी सजा विभिन्न देशों में पहले से लागू है और इससे इस तरह के अपराधों पर प्रभावी रोक लगाने में काफी हद तक सफलता मिली है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें