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साहिबाबाद का सेकेण्ड आरएम ब्लॉक बदहाली का शिकार

साहिबाबाद की राजेंद्र नगर पॉश कॉलोनी में शुमार है। इसी पॉश इलाके में सेक्टर-2 का सेकेण्ड आरएम ब्लॉक बदहाली का शिकार है। पूरा ब्लॉक गदंगी और अनियमिताओं की चपेट में हैं। बच्चों के खेलने के लिए बने...

साहिबाबाद का सेकेण्ड आरएम ब्लॉक बदहाली का शिकार
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 30 Nov 2012 08:51 PM
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साहिबाबाद की राजेंद्र नगर पॉश कॉलोनी में शुमार है। इसी पॉश इलाके में सेक्टर-2 का सेकेण्ड आरएम ब्लॉक बदहाली का शिकार है। पूरा ब्लॉक गदंगी और अनियमिताओं की चपेट में हैं। बच्चों के खेलने के लिए बने पार्क बदहाल और जर्जर अवस्था में हैं। पार्कों में बने ट्रासफार्मर हाउस खतरों को न्यौता दे रहें हैं।

यदि कोई बच्चा खेलते हुए उस तरफ चला जाए तो दुर्घटना का शिकार हो सकता है। पूरे ब्लाक में आवारा कुत्तों का आतंक है। स्ट्रीट लाइटें खम्बों पर लगी हुई तो हैं लेकिन जलती नहीं हैं। महीनों गुजर चुके हैं लेकिन सफाई कर्मी नहीं आते हैं। जिसके चलते यहां के स्थानीय निवासियों में खासा रोष है।

सेकेण्ड आर एम ब्लॉक के नवनिर्वाचित आरडब्लूए सेक्रेटरी अमीकर भारद्वाज ने बहुत ही शिकायती लहजे में बताया कि नगर निगम से कई बार लिखित शिकायत की जा चुकी है लेकिन समस्याएं जस की तस हैं। पूर्व पार्षद रश्मि गुप्ता और मौजूदा पार्षद ने भी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। इन प्रतिनिधियों ने सिर्फ कोरा आश्वासन ही दिया है। इस कॉलोनी को बसे हुए लगभग 20 साल हो चुके हैं और 500 आवासीय फ्लैट यहां पर हैं लेकिन अभी तक पानी और सीवर लाइन की समुचित व्यवस्था इसे नहीं मिल पाई है। मकानों के सामने से बिजली के नंगे तार गुजर रहे हैं जिससे कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है। कॉलोनी का एकमात्र मंदिर भी गंदगी की चपेट में है।

कॉलोनी के आरडब्लूए अध्यक्ष भाटी ने बताया कि पार्कों में लगे हुए हैंडपंप्‍ा वर्षों से खराब पड़े हुए हैं। उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। पार्को की देखभाल करने वाले नगर निगम के मालियों को उन्होंने यहां वर्षों से नहीं देखे हैं। नगर निगम की कूड़े की गाड़ी भी अंदर नहीं आती है। वैसे तो यह जीडीए कॉलोनी है लेकिन सुविधाओं का यहां टोटा है।

स्थानीय निवासी मलिक ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि यहां का प्रशासन इस कॉलोनी के साथ सौतेला व्यवहार करता आ रहा है। नेता तो यहां पर सिर्फ वोट मांगने आते हैं परन्तु विकास और सुविधा के नाम पर गूंगे बहरे हो जाते हैं। सुरक्षा के नाम पर देर रात को पुलिस की गश्ती जीप आती है। इस कॉलोनी की सुरक्षा का जिम्मा यहां की आरडब्लूए के कंधों पर है। जिसने यहां सीसीटीवी कैमरे और सिक्योरिटी गार्ड लगाए हुए हैं। कॉलोनी के वाहनों की सुरक्षा के लिए नई आरडब्लूए ने पहचान स्टीकर सिस्टम लागू किया है।

आरडब्लूए सेक्रेटरी अमीकर ने कहा कि हम सुविधाओं और सुरक्षा के लिए कोशिश तो कर रहे हैं लेकिन इसमें स्थानीय प्रशासन का सहयोग चाहते हैं।

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