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मुंबई में अन्ना का अनशन, संसद में लोकपाल पर चर्चा

अन्ना हजारे ने अपने रुख में किसी तरह की नरमी नहीं आने का संकेत देते हुए सोमवार को कहा कि वह सरकार के लोकपाल विधेयक के खिलाफ मंगलवार को मुंबई में तीन दिन के अनशन पर बैठेंगे। उधर, सरकार ने टीम अन्ना से...

मुंबई में अन्ना का अनशन, संसद में लोकपाल पर चर्चा
एजेंसीMon, 26 Dec 2011 11:50 PM
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अन्ना हजारे ने अपने रुख में किसी तरह की नरमी नहीं आने का संकेत देते हुए सोमवार को कहा कि वह सरकार के लोकपाल विधेयक के खिलाफ मंगलवार को मुंबई में तीन दिन के अनशन पर बैठेंगे। उधर, सरकार ने टीम अन्ना से विधेयक पर संसद के फैसले का इंतजार करने को कहा है, लेकिन हजारे पक्ष का कहना है कि उनकी चार मांगों पर समझौता संभव नहीं है।

वायरल संक्रमण से जूझ रहे 74 वर्षीय हजारे ने सेहत दुरुस्त नहीं होने के बीच भी कहा कि वह अपना अनशन करेंगे और उन्होंने यह दावा भी किया कि उनका आंदोलन किसी व्यक्ति, पक्ष या दल के खिलाफ नहीं है।

मुंबई के एमएमआरडीए मैदान में अनशन से एक दिन पहले हजारे ने कहा कि हम 25 साल से भ्रष्टाचार से लड़ रहे हैं। कांग्रेस के लोगों को लगता है कि यह आंदोलन उनके खिलाफ है। हमें बताइए कि इन 25 साल में हमने कितनी बार आपके खिलाफ आंदोलन चलाया।

उधर नयी दिल्ली में संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि लोकपाल पर फैसला संसद को करना है और उसके निर्णय का इंतजार किया जाना चाहिए। हजारे के करीबी सहयोगी प्रशांत भूषण ने राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि लोकपाल विधेयक में उनके द्वारा सुझाये गये चार बदलावों पर समझौता नहीं किया जा सकता और सांसदों के आवासों के बाहर धरने पर बैठने की योजना को तभी छोड़ा जा सकता है, जब सरकार प्रस्तावित विधेयक में संशोधनों पर सहमत हो जाती है।

भूषण ने कहा कि दिल्ली में रामलीला मैदान में 27, 28 और 29 दिसंबर को सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक एक समांतर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा और संसद की कार्यवाही का सीधा प्रसारण किया जाएगा, जहां लोकपाल विधेयक पर चर्चा होगी।

भूषण ने कहा कि चारों बदलावों पर समझौता नहीं हो सकता। अन्य बदलावों के लिए हम बाद में अपनी लड़ाई जारी रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि बदलावों में लोकपाल को स्वतंत्र जांच प्रकोष्ठ देना या सीबीआई को उसके प्रशासनिक नियंत्रण में लाने का प्रस्ताव शामिल हैं।

टीम अन्ना यह मांग भी कर रही है कि लोकपाल और लोकायुक्तों को बिना किसी शिकायत या मामला भेजे जाने के स्वत: संज्ञान लेते हुए अपने स्तर पर जांच शुरू करने का अधिकार होना चाहिए। टीम अन्ना ने यह मांग भी की है कि लोकपाल और लोकायुक्तों के दायरे में सीधे तौर पर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को रखना चाहिए। लोकपाल के चयन के बारे में भूषण ने कहा कि यह चयन समिति की आम सहमति से होना चाहिए और लोकपाल को हटाने पर सरकार का नियंत्रण नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अन्ना सांसदों के घरों के बाहर धरना देने के लिए 30 दिसंबर को दिल्ली आएंगे। उनमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी हो सकते हैं। इस बारे में फैसला किया जा सकता है। संसद में क्या परिणाम निकलता है, यह उस पर निर्भर करेगा। यदि संकेत मिलते हैं कि संसद या सरकार संशोधनों के लिए तैयार है तो धरने की जरूरत नहीं होगी।

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कोलकाता में कहा कि यह फैसला संसद करेगी कि लोकपाल का स्वरूप क्या होना चाहिए। हजारे ने कहा कि महाराष्ट्र के अनेक क्षेत्रों के लोग मुंबई पहुंच रहे हैं, वहीं देश के कई राज्यों से लोग दिल्ली में सर्दी के बावजूद वहां रामलीला मैदान में एकत्रित होंगे।

उन्होंने कहा कि एक बार नहीं बल्कि कई बार कहने के बावजूद सरकार ने अभी तक भ्रष्टाचार रोधी कानून नहीं बनाया है। हजारे ने राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सत्ता के जरिये धन और धन के जरिये सत्ता पाने के चक्कर में रहते हैं। टीम अन्ना की प्रमुख सदस्य किरण बेदी ने कहा कि यह आंदोलन किसी व्यक्ति विशेष से नहीं जुड़ा और इसका उद्देश्य केवल स्वंतत्र और निष्पक्ष सीबीआई हासिल करना है।

मुंबई के एमएमआरडीए मैदान में कड़े सुरक्षा व्यवस्था किये गये हैं जहां कल से अन्ना अनशन पर बैठेंगे। वहां सुरक्षा घेरे में 2,000 कांस्टेबल, 200 पुलिस उप निरीक्षक, राज्य रिजर्व पुलिस बल की छह पलटन, त्वरित प्रतिक्रिया दल की तीन टुकड़ी और दो बम पहचान व निरोधक दस्ते शामिल हैं।

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