'भारत को अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में मदद के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध'
ओबामा प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका भारत को उसके रक्षा क्षमता निर्माण में तब तक मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है, जब तक वह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा का मूल प्रदाता नहीं बन...
ओबामा प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका भारत को उसके रक्षा क्षमता निर्माण में तब तक मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है, जब तक वह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा का मूल प्रदाता नहीं बन जाता।
अधिकारी ने बताया, यह बात मान ली गई है कि जैसे-जैसे भारत विकास कर रहा है वह सिर्फ निकटवर्ती क्षेत्र में नहीं बल्कि पूरे एशिया-प्रशांत में, विशेषकर हिंद महासागर क्षेत्र में अपने हितों की रक्षा के लिए क्षमता निर्माण कर रहा है। भारत को इस क्षमता का निर्माण करने में तब तक मदद करना अमेरिका के हित में है जब तक वह सुरक्षा का वास्तविक मूल प्रदाता न बन जाए।
उन्होंने कहा, चाहे भारत हमारे साथ काम करने का फैसला करे या न करे, हम भारत को वह क्षमता विकसित करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे, जिसके तहत वह अपने हितों की सुरक्षा कर सके और दक्षिण चीन सागर में नौवहन परिवहन आदि पर मंडराने वाले खतरों से हिंद महासागर क्षेत्र को मुक्त रख सके।
भारत की बढ़ते कद के साथ बढ़ा हुआ वैश्विक सहयोग, रक्षा एवं सुरक्षा संबंध को मजबूत करना और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों को अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज व्हाइट हाउस में होने वाली मुलाकात के एजेंडे में शीर्ष पर माना जा रहा है।
अधिकारी ने कहा कि भारत और अमेरिका का संबंध अब वैश्विक मंच पर उभरकर आया है। अब वह दक्षिण एशिया या उपमहाद्वीपीय मुद्दों के संकीर्ण दायरे में सीमित नहीं है।