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बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर मिले तो कबड्डी खिलाड़ी देंगे गौरवांवित होने के कई मौके

नौ साल बाद भारत ने एक बार फिर कबड्डी विश्व कप चैम्पियन ईरान को 38-29 से हरा कर जीत की हैट्रिक लगाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई केंद्रीय मंत्रियों एवं हरियाणा समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने...

बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर मिले तो कबड्डी खिलाड़ी देंगे गौरवांवित होने के कई मौके
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 24 Oct 2016 12:42 AM
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नौ साल बाद भारत ने एक बार फिर कबड्डी विश्व कप चैम्पियन ईरान को 38-29 से हरा कर जीत की हैट्रिक लगाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई केंद्रीय मंत्रियों एवं हरियाणा समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने विजेता टीम को ट्वीट् कर बधाई दी है। विजेताओं की इस टीम में हरियाणा के 8 खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। भारत की पहली द्रोणाचार्य अवार्डी सुनील डबास कहती है कि आज क्रिकेट की तरह कबड्डी विजेताओं का चहुंओर स्वागत किया जा रहा है। ऐसे में कबड्डी खिलाडियों के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैय्या कर सरकार प्रतिभावान खिलाड़ियों की नई फौज खड़ी कर सकती है।

कबड्डी खेलने वाले ज्यादातर खिलाड़ी ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं। अभी भी हरियाणा के अधिकांश जिलों में इंटरनेशल स्टाइल में कबड्डी के लिए मैट की सुविधा उपलब्ध नहीं है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छे प्रदर्शन के लिए जरूरी है कि खिलाड़ियों को मैट पर कबड्डी खेलने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। खेल मंत्रालय द्वारा गठित ओलंपिक खेलो में भारत के प्रदर्शन के आंकलन एवं आगे की योजना के मद्देनजर गठित कमेटी की सदस्य पदमश्री अवाड़ी सुनील डबास,‘पिछले दिनों केंद्रीय खेल मंत्री के साथ हुई बैठक में केंद्र और राज्य के समक्ष मैने सुझाव दिया था कि स्कूल स्तर पर ही कबड्डी को जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया जाए। खास कर हरियाणा में इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया जाए तो युवाओं में कबड्डी के प्रति छाई दिवानगी गौरवांन्वित होने के कई अवसर उपलब्ध कराएगी।’

द्रोणाचार्य कालेज के युवा कबड्डी खिलाड़ी योगेश कुमार कहते हैं कि खेल कोटे से सैन्य और अर्धसैनिक बलों में नौकरी मिल जाती है। इसलिए ग्रामीण युवा कबड्डी पर ज्यादा जोर देते हैं लेकिन गांव के स्तर पर ही यदि जरूरी सुविधाएं मिल जाएं। तो हम और अच्छा कर सकते हैं क्योंकि मिट्टी के मैदान में खेली जाने वाली कबड्डी को कही मान्यता नहीं है। 

कुश्ती के बाद कबड्डी पर सर्वाधिक जोर: अनिल विज

खेल मंत्री हरियाणा अनिल विज कहते हैं कि,‘ नई खेल नीति बना हम हरियाणा में खेल और खिलाड़ी दोनों के विकास के लिए प्रयासरत हैं। कुश्ती के बाद हमारा सबसे ज्यादा जोर कबड्डी पर है। विश्वास दिलाते हैं कि हम जरू री इंफ्रास्ट्रक्चर इसी सरकर में उपलब्ध करा देंगे। इनमें कबड्डी अभ्यास के लिए इनडोर खेल सुविधा, मैट और प्रशिक्षित कोच उपलब्ध कराने की है। युवा खिलाड़ियों को पहले ही हम खेल कोटे में उनकी योग्यता के मुताबिक नौकरियां भी प्रदान कर रहे हैं।” 

द्रोणाचार्य कालेज में बना हरियाणा का पहला इनडोर कबड्डी हाल 

उच्चशिक्षा विभाग ने गुड़गांव द्रोणाचार्य कालेज में तकरीबन 45 लाख रुपये की राशि खर्च कर इनडोर कबड्डी प्रतियोगिता के लिए हाल बनाया है। संभवत: यह हरियाणा का पहला इनडोर सिंथेटिक कबड्डी मैदान हैं। इस हाल में एक समय में 300 से 400 लोग समायोजित हो सकते हैं। कबड्डी के लिए अंतरराष्ट्रीय मानक आकार 16 मीटर गुणा 16 का मैट चाहिए होता है। राज्य एवं राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं मैट पर ही मान्य हैं। लेकिन मैट की सुविधा कुछ स्थानों पर उपलब्ध है। मार्च 2016 में हरियाणा सरकार ने गुड़गांव द्रोणाचार्य कालेज में राज्य स्तरीय कबड्डी टूर्नामेंट पहली बार महिलाओं और पुरुष खिलाड़ियों के लिए आयोजित किया था। खेल मंत्री अनिल विज बताते हैं कि पंड़ित दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर एक करोड़ की कबड्डी प्रतियोगिता नवंम्बर में आयोजित करने जा रहे हैं। करनाल में यह प्रतियोगिता आयोजित होगी। इसके अलावा 100 कुश्ती अखाड़ों को सिंथेटिक मैट प्रदान किया जा रहा है। 

द्रोणाचार्य कालेज की कबड्डी खिलाड़ियों ने मनाया जश्न

कबड्डी विश्वकप विजेता बनने पर द्रोणाचार्य कालेज की महिला कबड्डी खिलाड़ियों ने एक दूसरे को मिठाई खिला कर जीत का जश्न मनाया है। उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि टीम के कप्तान अनूप कुमार हमारे जिले के हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस जीत से उत्साहित होगी और कबड्डी सरीखे पारम्परिक खेल को जरुरी सुविधा मुहैय्या कराएगी। इस दौरान आरती यादव, शालू यादव, दीपिका, नेहा, संगीता कहती है कि हम कोशिश करेंगे कि वे भारतीय टीम के कप्तान हमारे बीच आए और हमे जरूरी टप्सि प्रदान करे।

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