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महज 310 रुपये के लिए हुई थी रितेश की हत्या

हमारे संवाददाता सहारनपुर। 20 जुलाई को चाकू से गोद कर मौत के घाट उतारे गए रितेश हत्याकांड से पर्दा उठ चुका है। पुलिस के हत्थे चढ़े गैंग ने कत्ल का इकबाल करते हुए बताया कि मर्डर के बाद तलाशी में रितेश...

महज 310 रुपये के लिए हुई थी रितेश की हत्या
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 06 Sep 2014 12:57 AM
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हमारे संवाददाता सहारनपुर। 20 जुलाई को चाकू से गोद कर मौत के घाट उतारे गए रितेश हत्याकांड से पर्दा उठ चुका है। पुलिस के हत्थे चढ़े गैंग ने कत्ल का इकबाल करते हुए बताया कि मर्डर के बाद तलाशी में रितेश की जेब से महज 310 रुपये ही मिले थे।

इस गैंग के तीन साथियों को पकड़ लिया है, जबकि चौथा फरार है। हालांकि युवक के परिजनों ने दूसरे युवक को नामजद किया था, लेकिन पुलिस ने सबूतों के अभाव में नामजद आरोपी को तभी क्लीन चिट दे दी थी। कपिल विहार निवासी रितेश सैनी की हत्या तब हुई थी, जब वो अपनी मां को छोड़ कर दिल्ली से लौटा था। रात करीब साढ़े 12 बजे छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस से पेपर मिल ट्रैक पर उतर कर घर जा रहा था कि रास्ते में उसकी हत्या हो गई थी।

सदर बाजार पुलिस के हत्थे चढ़े गैंग ने बताया कि वे कई महीनों से रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से उतरने वालों के साथ लूटपाट की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। 20 जुलाई को जब रितेश मिला तो रुपये देने के बजाए, वो हमसे ही लड़ने लगा। जब नहीं माना तो चाकू से गोदकर उसकी हत्या करनी पड़ी। पकड़े गए गैंग लीडर के अनुसार वो हकीकत नगर का रहने वाला है, और फौजी की ड्रेस पहन कर वारदात को अंजाम देते हैं।

रितेश की हत्या के बाद उसकी लाश को झाडि़यों के पीछे छिपा दिया था। अगले रोज जब अखबार में खबर पढ़ी कि रितेश की मां ने एक युवक को नामजद किया है, तो उन्हें लगा कि अब पुलिस उनकी फिराक में नहीं रहेगी और उसी रात से फिर नॉन स्टॉप लूटपाट शुरु कर दी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस गैंग का सदस्य जिसे गंजे के नाम से जाना जाता है, अभी पकड़ा नहीं गया है। इस गैंग के कब्जे से चोरी की स्कूटी भी बरामद हुई है।

समाचार लिखे जाने तक पुलिस गैंग से पूछताछ में जुटी थी कि इन्होंने और कितनी वारदातों को अंजाम दिया है।

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