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मरे का बेमिसाल खेल

अपने नायाब प्रदर्शन से ही कोई खिलाड़ी चैंपियनों का चैंपियन बनता है, न कि उसके बदले में उसका देश यह सम्मान हासिल करता...

मरे का बेमिसाल खेल
Mon, 08 Jul 2013 07:34 PM
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अपने नायाब प्रदर्शन से ही कोई खिलाड़ी चैंपियनों का चैंपियन बनता है, न कि उसके बदले में उसका देश यह सम्मान हासिल करता है। फिर भी आज ब्रिटेन में जश्न व उत्साह का माहौल चरम पर है। खेल आयोजनों में बड़ी सफलताएं तब मिलती हैं, जब उत्कृष्ट प्रतिभा, कड़ी मेहनत और जीतने की जबर्दस्त ललक एक साथ मैदान पर दिखे। इसका अलावा, एक गुण और चाहिए। वह है- आरंभ से अंत तक जीतने की अदम्य क्षमता, खासकर शिखर के करीब पहुंचकर पांव न फिसले। तभी एक बेमिसाल खिलाड़ी अपने प्रतिद्वंद्वी को मैदान पर सांस लेने तक की आजादी नहीं देता है। इन सभी व्यक्तिगत गुणों का मिलन दुर्लभ ही होता है। लेकिन जब ऐसा होता है, तब वह रोजर बैनिस्टर को ऊर्जावान बना देता है (इंग्लैंड के इस पूर्व ऐथलीट ने दौड़ की पहली मील चार मिनट से भी कम समय में तय की थी)। या वह इतनी शक्ति प्रदान करता है कि स्टीव रेडग्रैव पांच ओलंपिक स्वर्ण पदक जीत जाते हैं (इस ब्रिटिश नौका चालक ने 1984 से 2000 के बीच लगातार पांच ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते थे)। या फिर वह ब्रिटेन के साइकिलिस्ट ब्रैडली विगिन्स को ‘टुअर द फ्रांस’ का खिताब दिलाता है। अब इस कड़ी में अगला नाम एंडी मरे का जुड़ गया है, जो विंबलडन के नए बादशाह हैं।

साल 1936 के बाद मरे पहले ब्रिटिश खिलाड़ी बने हैं, जिन्होंने विंबलडन चैंपियनशिप की एकल स्पर्धा जीती है। 77 साल के इंतजार के सूखे को उन्होंने अपनी जीत की बारिश से भिगोया, इसलिए पूरा इंग्लैंड जश्न में सराबोर है। तीन सेटों के तेज मुकाबले में अपने आकर्षक और स्टाइलिश शॉटों से मरे ने नोवाक जोकोविच को शिकस्त दी। जोकोविच वह खिलाड़ी हैं, जिनकी गिनती इस खेल के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में होती है। वह बेहद विनम्र और उदार इंसान भी हैं। लेकिन मरे उनकी कमजोरियों को भांपने में कामयाब रहे और इस साल वह उस उपलब्धि को हासिल करने से चूके नहीं, जो करीब 12 महीने पहले उनके हाथों से फिसल गई थी। आज एंडी मरे ब्रिटेन की उपलब्धियों केनायक बन गए हैं।  
द गाजिर्यन, ब्रिटेन

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