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धूम्रपान कहीं ले न ले जान

31 मई को विश्व तंबाकू रहित दिवस है। इस दिन को तंबाकू के दुष्प्रभाव से बचाने के प्रयास के रूप में मनाया जाता है। इस दिन आप भी तंबाकू से दूर रहने का प्रण लें। जब 65 वर्षीय शैली को अपने फेफड़ों के...

धूम्रपान कहीं ले न ले जान
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 29 May 2013 10:47 AM
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31 मई को विश्व तंबाकू रहित दिवस है। इस दिन को तंबाकू के दुष्प्रभाव से बचाने के प्रयास के रूप में मनाया जाता है। इस दिन आप भी तंबाकू से दूर रहने का प्रण लें।

जब 65 वर्षीय शैली को अपने फेफड़ों के कैंसर के बारे में पता चला तो उनकी पूरी दुनिया बिखर गई। उनके लिए यह निदान एक झटके के रूप में सामने आया, खासकर तब जब वह धूम्रपान नहीं करती थीं और एक स्वस्थ जीवनशैली का पालन कर रही थीं। पूछताछ किए जाने पर पता चला कि वे करीब 40 सालों से अपने पति के धूम्रपान की वजह से परोक्ष धूम्रपान का शिकार हो रही थीं। बिना किसी गलती के उन्हें कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी से गुजरना पड़ा।

राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट (नई दिल्ली) के चिकित्सकीय कैंसर परामर्शदाता डॉं उल्लास बत्रा के अनुसार, यह कोई अकेला उदाहरण नहीं है। हम अक्सर ऐसे मामले देखते हैं, जो अपरोक्ष धूम्रपान का परिणाम होते हैं। ऐसे में परोक्ष धूम्रपान के प्रभाव का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

अपरोक्ष धूम्रपान तब होता है, जब किसी धूम्रपान कर रहे व्यक्ति के जलते उत्पाद या फिर छोड़े गए धुएं को कोई धूम्रपान न करने वाला व्यक्ति अपनी सांसों के जरिए अन्दर लेता है। यह पाया गया है कि एक जलती हुई सिगरेट से निकलने वाले धुएं का 66 प्रतिशत धुआं धूम्रपान करने वाला स्वयं नहीं लेता, बल्कि वह पूरे वातावरण में फैला कर उसे धूम्रपान करने जितना खतरनाक बना देता है।

अपरोक्ष धूम्रपान और अधिक घातक होता है, क्योंकि इसमें धूम्रपान करने वाले व्यक्ति द्वारा लिए गए निकोटीन तथा टार की दुगनी मात्रा होती है। इसमें कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा पांच गुना ज्यादा होती है। इसमें ज्यादा स्तर की अमोनिया एवं कैडमियम होती है।  

तथ्यों के अनुसार बड़े लोगों की तुलना में युवा ज्यादा धूम्रपान करते हैं और जितनी जल्दी वे शुरू करते हैं, उसके दुष्भाव उतनी जल्दी शुरू होते हैं। यह तथ्य युवा वर्ग में कैंसर, दिल के दौरे तथा हाइपरटेंशन के मामले ज्यादा होने के कारण को स्पष्ट कर देता है।

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