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लाल मिट्टी में बसा माथेरान

यदि आप शहर की दौड़-धूप व प्रदूषण भरी दिनचर्या में कुछ बदलाव चाह रहे हैं तो महाराष्ट्र में स्थित हिल स्टेशन माथेरान जा सकते हैं। यह दुनिया का इकलौता ऐसा पहाड़ी इलाका है जहां पर किसी भी मोटर से चलने...

लाल मिट्टी में बसा माथेरान
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 08 Feb 2013 11:12 AM
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यदि आप शहर की दौड़-धूप व प्रदूषण भरी दिनचर्या में कुछ बदलाव चाह रहे हैं तो महाराष्ट्र में स्थित हिल स्टेशन माथेरान जा सकते हैं। यह दुनिया का इकलौता ऐसा पहाड़ी इलाका है जहां पर किसी भी मोटर से चलने वाली गाड़ी के जाने पर प्रतिबंध है। यहां की शुद्ध हवा आपको आकर्षित करेगी।

बंदरों के झुंड, बड़ी गिलहरियां व कई पंछी माथेरान के आकर्षण का केंद्र हैं। बारिश के दिनों में यहां प्राकृतिक रूप से कई वाटर फाल बन जाते हैं जो इसके सौंदर्य को और निखारते हैं। मुम्बई से लगभग सौ किलोमीटर दूर 800 मीटर (2624 फुट) की ऊंचाई पर बसे इस हिल स्टेशन से आप सूरज के निकलने व डूबने के बेहद सुंदर दृश्य देख सकते हैं। यहां की लाल मिट्टी में चलते घोड़े आपको एक अलग ही दुनिया का एहसास कराते हैं।

ट्वाय ट्रेन का लें मजा
शहरी प्रदूषण से दूर इस इलाके तक पहुंचने के लिए आप सेंट्रल रेलवे की ट्वाय ट्रेन की सवारी का आनंद ले सकते हैं। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सप्ताह के अंत में ट्वाय ट्रेन का सफर कर लगभग 3000 हजार लोग रोज यहां शुद्ध हवा का मजा लेने आते हैं। कुछ समय पूर्व तक यहां बरसात के मौसम में ट्वाय ट्रेन बंद कर दी जाती थी पर अब सेंट्रल रेलवे ने इसकी सेवा 12 महीनों के लिए शुरू कर दी है। बरसात के दिनों में आपको यह गाड़ी नेरल से नहीं बल्की माथेरान के कुछ पहले दस्तूरी के पास स्थित स्टेशन वाटर पाइप से मिलेगी। दस्तूरी तक सड़क के जरिए गाडियों को आने की अनुमति मिली हुई है। 

सेंट्रल रेलवे के महाप्रबंधक सुबोध जैन ने बताया कि 1907 में दो फुट चौड़ी पटरियों पर ये ट्रेन शुरू की गई थी। सौ वर्ष से पुरानी इस ट्वाय ट्रेन को यूनेस्को के सहयोग से वैश्विक धरोहर के रूप में संरक्षित करने का प्रयास कर रहा है। इसके लिए जल्द ही पहाड़ में पवन चक्की लगा कर माथेरान के रास्ते में आने वाले रेलवे स्टेशनों की सभी बिजली की जरूरतों को पूरा किया जाएगा। इन पवन चक्कियों के ऊपर टेलिकॉम कंपनियों के एंटीने लगा कर यहां नेटवर्क की दिक्कत को दूर करने का भी प्रयास हो रहा है। 

कैसे पहुंचे माथेरान
माथेरान पहुंचने के लिए आपको मुम्बई से नेरल के लिए टैक्सी लेनी होगी। यदि आप चाहें तो मुम्बई सेंट्रल रेलवे स्टेशन से नेरल स्टेशन तक लोकल ट्रेन में भी आ सकते हैं। नेरल से माथेरान ट्वाय ट्रेन से जाने में लगभग दो घंटे का समय लगता है। यहां साढ़े सात बजे सुबह से शाम लगभग छह बजे तक यह ट्वाय ट्रेन उपलब्ध हो जाती है।

बेहतर गेस्ट हाउस हैं उपलब्ध
माथेरान में लगभग 2500 लोग रहते हैं। यहां पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आकर्षक गेस्ट हाउस खुल चुके हैं। इन गेस्ट हाउसों में आपको 500 से 3000 रुपये प्रति दिन तक की कीमत में कमरा उपलब्ध हो जाएगा। यहां आप महाराष्ट्र के पारंपरिक खान का लुत्फ लें तो बेहतर होगा। 150 से 300 रुपये की थाली में आप कई प्रकार के व्यंजनों के साथ श्रीखंड का भी आनंद ले सकते हैं।

चिक्की लेना न भूलें
यदि आप यहां शॉपिंग करने का मन बना रहे हैं तो आप यहां कोल्हापुरी चप्पल और गुडम् में तिल व मुंगफली के दाने मिला कर बनाई गई चिक्की ले सकते हैं। कोल्हापुरी चप्पल जहां आपको 100 से 1000 रुपये के बीच मिल जाएगी वहीं चिक्की 50 से 70 रुपये प्रति 250 ग्राम की कीमत में उपलब्ध होगी।

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