बायोटेक अवसर अनेक
जैव प्रौद्योगिकी यानी बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आज देश और विदेश में कई मौके हैं। बायो तकनीक का इस्तेमाल कृषि से लेकर आधुनिक उद्योग जगत में किया जा रहा है। इससे जुड़ी जानकारी जानिए यहां विज्ञान...
जैव प्रौद्योगिकी यानी बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आज देश और विदेश में कई मौके हैं। बायो तकनीक का इस्तेमाल कृषि से लेकर आधुनिक उद्योग जगत में किया जा रहा है। इससे जुड़ी जानकारी जानिए यहां
विज्ञान की यह शाखा वृहद है। जहां एक ओर इसका इस्तेमाल औद्योगिक क्षेत्र में होता है, जैसे फूड एंड बेवरेजेस, टैक्सटाइल, बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स, मेडिसिन एंड फार्मास्युटिकल्स, वहीं दूसरी ओर इस विज्ञानधारा का इस्तेमाल कृषि, पशुपालन, न्यूट्रिशन और पर्यावरण संरक्षण आदि क्षेत्रों में भी होता है।
उपरोक्त विभिन्न अनुशासनों से प्राप्त विज्ञान की जानकारी का इस्तेमाल बायोलॉजिकल मैटर, जीवित कोशिकाओं, नए व परिष्कृत जैविक और औद्योगिक उत्पादों में किया जाता है। बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करने वाले अधिकांश प्रोफेशनल्स प्रयोगशालाओं में शोध व विकास कार्य करते हैं।
अध्ययन
इस में बारहवीं कक्षा में बायोलॉजी, रसायन, भौतिकी और गणित तक में शिक्षा प्राप्त करनी होती है। स्कूल के बाद विद्यार्थी अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम (बीएससी, बीई, बीटेक) कर सकता है। बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी तीन वर्ष की होती है, जबकि बीई और बीटेक कोर्स चार वर्ष के। स्नातक के बाद छात्र मास्टर्स स्तर (एमएससी, एमई, एमटेक) की शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। मास्टर्स के लिए बायोटेक्नोलॉजी में या जैव विज्ञान की किसी शाखा में स्नातक होना चाहिए। बायोकैमिस्ट्री, बायोलॉजी, बॉटनी, रसायन, माइक्रोबायोलॉजी, फार्मेसी, वैटरनरी साइंसेज या जूलॉजी में स्नातक डिग्री भी परा-स्नातक शिक्षा हेतु मान्य है।
शिक्षा के अन्य अनुशासनों की तरह अनेक धाराओं के इसमें शामिल होने के कारण छात्रों को कई क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्राप्त करनी होती है। शोध से जुड़े कुछ क्षेत्र हैं: कृषि एवं कृषि विकास, पशुपालन, बायोकैमिस्ट्री, बायोफिजिक्स, बॉटनी, डेयरी टेक्नोलॉजी, पर्यावरण संरक्षण, मत्स्य पालन, जेनेटिक्स, हॉर्टीकल्चर, मेडिसिन, माइक्रोबायोलॉजी, मॉलीक्यूलर बायोलॉजी, न्यूट्रीशियन, फार्माकोलॉजी, टिश्यू कल्चर एवं जूलॉजी। परा-स्नातक के बाद डॉक्टरल प्रोग्राम के लिए भी आवेदन किया जा सकता है और उसके बाद यदि जरूरत हो तो, पोस्ट-डॉक्टरल शोध से जुड़ा जा सकता है।
योग्यताएं
इस क्षेत्र में आने के लिए विज्ञान और वैज्ञानिक विषयों के बारे में गहन जानकारी और रुझान होना चाहिए। चूंकि आज बायोटेक्नोलॉजी विज्ञान की सीमाओं का पुन: निर्धारण कर रही है, इसलिए इस रोचक विषय का हिस्सा बनने के लिए व्यक्ति में मौलिकता और कल्पनाशीलता होनी चाहिए। इस क्षेत्र में आकलन क्षमता, धर्य, देर तक काम करने की क्षमता, टीम स्पिरिट और कम्युनिकेशन स्किल्स बड़ी भूमिका निभाते हैं।
वेतनमान
अन्य क्षेत्रों की तरह इसमें भी वेतनमान अकादमिक योग्यता, कार्य विशेषज्ञता और डिग्री पर निर्भर करता है। इस क्षेत्र में युवा स्नातक शुरुआत में 15 से 25 हजार रुपए तक मासिक वेतन प्राप्त कर सकते हैं। यह देखा गया है कि बायोटेक्नोलॉजी में परास्नातकों को स्नातकों की अपेक्षा बेहतर वेतन मिलता है। अनुभव के साथ-साथ वेतन अधिक और कार्य अधिक प्रेरणादायक होता है।
मांग एवं आपूर्ति
इस क्षेत्र में प्रोफेशनल्स की मांग के विभिन्न पहलू हैं। हमारे देश के कृषि प्रधान होने के कारण कृषि की पैदावार से जुड़े अनेक क्षेत्रों पर काम किया जाता है। इसी तरह देश की बढ़ती जनसंख्या के कारण जीव विज्ञान संबंधित उत्पादों और दवाओं पर भी लगातार काम चलता है। इस कारण वैक्सीन, दवाओं, टिश्यू कल्चर मैथड व अन्य धाराओं की मांग में भी इजाफा होता है। दरअसल, गत डेढ़ दशक से बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में लगातार विकास हुआ है। इस उद्योग की आधी आमदनी आयात से होती है और इस चलन के भविष्य में भी जारी रहने के अच्छे आसार हैं।
एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, भारत बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में निकट भविष्य में महत्वपूर्ण स्थान बनने जा रहा है। देश में एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी, पशुपालन, बायोइन्फॉर्मेटिक्स, बायोफर्टीलाइजर्स और डेयरी विकास जैसे क्षेत्रों में देश में खासा विकास हुआ है। इनके अतिरिक्त बायो-रिसोर्स डेवलपमेंट, प्लांट बायोलॉजी, मैरीन बायोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, जेनेटिक रिसर्च क्षेत्रों में भी काफी तेजी देखी गई है।
पेटेंट क्षेत्र में सरकार के बढ़ाए कदम भी सकारात्मक असर दिखा रहे हैं। बायोटेक्नोलॉजिकल उद्योगों में व्यापक विस्तार और विकास देखा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनाई है।
अवसर
इस क्षेत्र में अवसर अनेक हैं। प्राइवेट व सरकारी क्षेत्र में अनेक अवसर हैं। यदि आपके पास परा-स्नातक डिग्री है तो अनेक उद्योगों में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। स्वास्थ्य सेवा उत्पादों, टेक्सटाइल, कॉस्मेटिक्स और अन्य शोध संस्थानों में कई अवसर हैं। अनेक संस्थान बायोटेक्निकल प्रोफेशनल्स को पर्यावरण संरक्षण और हानिकारक पदार्थो के सुरक्षापूर्वक निष्पादन हेतु भी रखते हैं।