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निगम के स्कूल भी सरकार के संरक्षण में लाने की

नई दिल्ली निर्मल यादव दिल्ली सरकार नगर निगम और एनडीएमसी के स्कूलों को भी अपने अधिकार क्षेत्र में लेने की तैयारी कर रही है। वर्ष 2010 में एनसीईआरटी ने दिल्ली में सरकारी स्कूलों की दयनीय हालत को...

निगम के स्कूल भी सरकार के संरक्षण में लाने की
Thu, 06 Dec 2012 11:08 PM
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नई दिल्ली निर्मल यादव

दिल्ली सरकार नगर निगम और एनडीएमसी के स्कूलों को भी अपने अधिकार क्षेत्र में लेने की तैयारी कर रही है। वर्ष 2010 में एनसीईआरटी ने दिल्ली में सरकारी स्कूलों की दयनीय हालत को सुधारने के लिए अपनी सिफारिशों में सभी स्कूलों का संचालन एक ही नियामक इकाई के तहत करने की भी बात कही थी। इन सिफारिशों को लागू करने की संभावनाएं तलाशने के लिए शिक्षा विभाग सक्रिय हो गया है। बुधवार को दिल्ली की शिक्षा मंत्री किरण वालिया ने उच्चस्तरीय बैठक में इन सिफारिशों को लागू करने की संभावनाएं टटोलने के लिए 11 सूत्रीय एजेंडे पर विचार विमर्श किया।

वालिया ने बताया कि नगर निगम और एनडीएमसी के स्कूलों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है और सरकार इन्हें अपने अधिकार क्षेत्र में लेना तो चाहती है लेकिन इस काम में तकनीकी दिक्कतें राह की सबसे बडीम् बाधक साबित होंगी। मार्च 2010 में एडवोकेट अशोक अग्रवाल की अध्यक्षता वाली एनसीईआरटी की कमेटी ने नगर निगम, एनडीएमसी और केंटूनमेंट बोर्ड सहित सभी सरकारी स्कूलों का संचालन दिल्ली सरकार क ो सौंपन, डबल शिफ्ट स्कूलों को सिंगल शिफ्ट में तब्दील करने, आरटीई संरक्षण अधिकारी तैनात करने और मुफ्त शिक्षा के उपाय सुनशि्चित करने की सिफारशि की थी।

इस बीच शिक्षा विभाग ने गुरुवार को भी स्कूलों की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक में आगामी शैक्षिक सत्र के लिए स्कूलों की तैयारियों की समीक्षा की गई। वालिया ने बताया कि अगले साल सरकारी स्कूलों में लगभग एक लाख नए बच्चों जुड़ने की संभावना को देखते हुए सभी स्कूलों में तैयारियां दुरुस्त करने को कहा गया है। साथ ही स्कूल की इमारत को ठीक करने के काम को पूरा करने के पहले पीडब्ल्यूडी के साथ प्रधानाचार्य की रिपोर्ट भी अनिवार्य कर दिया है।

सरकार के विचाराधीन एनसीईआरटी की सिफारशिें- स्कूल प्रबंध समितियों की अगुवाई अभिभावकों के हाथों मेंआशा किरण एवं आश्रय केन्द्रों में विकलांगों के लिए पढ़ाई के इंतजामएमसीडी, एनडीएमसी, केंटूनमेंट बोर्ड एवं विकलांग बच्चों के लिए संचालित विशेष स्कूलों का संचालन एकल इकाई (दिल्ली सरकार के हाथों में हो)अधिक उम्र वाली छात्राओं को छोटे बच्चों स्कूल में लाने की इजाजत दी जाएविशेष शिक्षकों की नियुक्ति में अभ्यर्थियों को उम्र में छूट दी जाएआगामी सत्र की तैयारियां- लगभग एक लाख नए बच्चों स्कूलों में जुड़ने की सभावनाअगले एक महीने में सभी स्कू लों को तैयारियां करनी होंगी पूरीस्कूल भवन में निर्माण संबंधी काम के पूरे होने की रिपोर्ट में प्रधानाचार्य की मंजूरी भी जरूरीलावारशि बच्चों भी कर सकेंगे पब्लिक स्कूल में पढ़ाई- एड़ाीशन संबन्धी नए दिशा निर्देशों में आर्थिक रूप से कमजोर तबके के लिए आरक्षित 25 प्रतिशत सीटों पर अनाथ बच्चों भी दावा कर सकेंगे।

सभी सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को ईडब्ल्यूएस कोटे में अनाथ बच्चों को भी प्रवेश देना होगा। कोई बच्चा अनाथ है, इसका निर्धारण जिले की बाल कल्याण समिति करेगी। इससे अनाथालय के बच्चों भी नामी स्कूलों में पढ़ने की ख्वाहशि पूरी कर सकेंगे। कोई तकनीकी दिक्कत नहीं है। अगर सरकार की इच्छाशक्ति बेहतर हो तो यह काम आसानी से किया जा सकता है। इससे स्कूलों का भी फायदा होगा। अशोक अग्रवाल, एनसीईआरटी द्वारा गठित समिति के अध्यक्ष।

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