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इंद्रप्रस्थ पर बना है पुराना किला

पुराना किला दिल्ली का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहां हर शाम, ध्वनि और प्रकाश पर आधारित शो होता है, जिसमें दिल्ली के बारे में बताया जाता है। इस किले के बारे में और जानते हैं सत्य सिंधु से एक ही जगह...

इंद्रप्रस्थ पर बना है पुराना किला
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 10 Sep 2012 11:51 AM
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पुराना किला दिल्ली का लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहां हर शाम, ध्वनि और प्रकाश पर आधारित शो होता है, जिसमें दिल्ली के बारे में बताया जाता है। इस किले के बारे में और जानते हैं सत्य सिंधु से

एक ही जगह अगर बहुत सारी चीजें देखने को मिल जाएं तो तुम कहोगे, मजा आ गया! है न! चिड़ियाघर के पास जाकर लोग यही कहते हैं। अगर तुम नहीं समझे तो हम बताते हैं। यहां आकर लोग चिड़ियाघर देखने और पास की झील में नाव चलाने का आनन्द लेने के बाद काफी समय पुराना किला के अंदर बिताते हैं। पुराना किला यानी एक किला, जो काफी पुराना है। तुम सोच रहे होगे कि इसे पुराना किला क्यों कहते हैं और इसका नाम क्या है? तो हम तुम्हें बताते हैं कि इसे पुराना किला क्यों कहते हैं? दरअसल यह किला दिल्ली के लाल किले से भी पुराना है। जब शेरशाह सूरी ने इसका निर्माण करवाया तो इसका नाम शेरगढ़ रखा गया था।
इस किले से बहुत सी बातें जुड़ी हुई हैं। तुमने महाभारत तो देखा ही होगा! और इंद्रप्रस्थ के बारे में जानते होगे? हां, वही इंद्रप्रस्थ, जिसके लिए कौरवों और पांडवों में महायुद्ध हुआ था। माना जाता है कि वह इंद्रप्रस्थ इस किले के पास था। बहुत समय बाद जब वहां सब कुछ खत्म हो गया तो एक टीला सा बन गया। मुगल सम्राट हुमायूं ने इसी टीले के ऊपर अपनी नगरी का निर्माण किया और उसका नाम दीनपनाह रखा। जब अफगान के बादशाह शेरशाह सूरी ने हुमायूं से युद्ध कर अपनी जीत हासिल कर ली तो उन्होंने हुमायूं द्वारा बनाई गई सभी इमारतों को तुड़वा दिया। वहां पर शेरशाह सूरी ने लगभग 2.4 किलोमीटर क्षेत्र में चारदीवारी करके एक किले का निर्माण करवाया। इसका निर्माण 1538 से 1545 के बीच हुआ। इसका नाम शेरगढ़ रखा गया।

यमुना नदी के किनारे बनाए गए इस किले में चार दरवाजे थे, जिनमें से एक दरवाजा नदी की ओर भी खुलता था। तुम जिस दरवाजे से किले में जाओगे वह पश्चिम की ओर खुलता है और किले का मुख्य दरवाजा है। इसकी चारदीवारी की ऊंचाई 18 मीटर है। लाल बलुआ पत्थर और मारवल से बने इस किले की चारदीवारी में जगह-जगह चिड़ियों के रहने की जगह भी बनी हुई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की खुदाई में इस बात के अनेक संकेत मिल रहे हैं कि इस किले के नीचे पहले इंद्रप्रस्थ था।

तुम यहां जाओ तो किले के अंदर जगह-जगह लगे बोर्ड और पत्थरों पर लिखी जानकारियों को ध्यान से पढ़ना, इन पर पूरी जानकारियां लिखी हुई हैं। भारत सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा यहां हर रोज शाम में प्रकाश और ध्वनि पर आधारित शो का आयोजन किया जाता है, जिसमें दिल्ली के गौरवशाली इतिहास की जानकारी मनोरंजक ढंग से दी जाती है। यह शो हिन्दी में भी चलता है और अंग्रेजी में भी।

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