सूबे के विकास में अहम भूमिका निभाएगा डीडब्ल्यूआर
कार्यालय संवाददाता पटना। डॉप्लर वेदर रडार (डीडब्ल्यूआर) सूबे के विकास में अहम भूमिका निभाएगा। इसके शुरू हो जाने से पटना से 500 किलोमीटर क्षेत्र में वायुमंडल में होने वाली सारी गतिविधियों की जानकारी...
कार्यालय संवाददाता पटना। डॉप्लर वेदर रडार (डीडब्ल्यूआर) सूबे के विकास में अहम भूमिका निभाएगा। इसके शुरू हो जाने से पटना से 500 किलोमीटर क्षेत्र में वायुमंडल में होने वाली सारी गतिविधियों की जानकारी पहले मिल जाएगी। विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री गौतम सिंह ने मंगलवार को अनीसाबाद स्थित भारतीय मौसम विभाग के डॉप्लर वेदर रडार का उद्घाटन करते हुए ये बातें कहीं।
उन्होंने भारत सरकार व मौसम विभाग तथा उनके अधिकारियों को पटना में देश का बारहवां रडार लगाने पर धन्यवाद देते हुए कहा कि इसके शुरू हो जाने से भारी वर्षा, ओला वृष्टि, झंझावात, बाढ़, आंधी-तूफान समेत अन्य मौसम के हलचल आदि की तीन-चार घंटे पहले जानकारी मिल जाएगी, जिससे सूबे के लोगों को आगाह किया जा सकता है।
पूर्व मंत्री व विधायक डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि डीडब्ल्यूआर के शुरू हो जाने से सूबे के विकास में चार चांद लग गया। अब किसानों को सभी तरह की जानकारियों मिलनी शुरू हो जाएंगी। अतिथियों का स्वागत करते हुए भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. अजीत त्यागी ने कहा कि इस रडार से बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, झारखंड समेत अन्य राज्यों के अलावा नेपाल के मौसम के बारे में बारीक से बारीक जानकारी मिलेगी।
यही नहीं विमानों के परिचालन, रक्षा, हाइड्रोलॉजी, खेती समेत 35 सेक्टरों को इससे फायदा होगा। उन्होंने कहा कि पहले रडार को विदेश से आयात कराया जाता था पर अब देश में ही यह टेक्नोलॉजी विकसित कर ली गई है। देश का पहला रडार दिल्ली में वर्ष 1953 में लगा था।
भारतीय मौसम विभाग के उप महाप्रबंधक एसके कुंडु ने कहा कि चौबीसों घंटे काम करने वाला यह डिजिटल रडार मौसम संबंधी सभी अधतन जानकारी देगा। मौसम खराब होने पर विमानों के परिचलन किस तरह हो, इससे बताया जा सकता है।
इस मौके पर गौतम सिंह ने क्लाइमेट ऑफ बिहार तथा स्टैंडर्ड प्रोसीज्योर ऑफ रडार ऑपरेशन नामक दो पुस्तकों का विमोचन किया। क्षेत्रीय मौसम निदेशक, कोलकाता एसएन रॉय ने धन्यावाद ज्ञापन दिया। इससे पहले मंत्री समेत सभी अतिथियों ने रडार के बारे में सारी जानकारी ली।
इस मौके पर पटना मौसम विज्ञान केन्द्र के निदेशक अनिमेष चंदा, पटना एयरपोर्ट के निदेशक अरविन्द दुबे, डीजीएम एटीसी एसएस राय, डीडब्लूआर के निदेशक एके सेन समेत मौसम विभाग के आला अधिकारी व कर्मचारी आदि मौजूद थे।