पहले एसएमएस के प्रेषक 20 साल बाद भी अचंभित हैं
बीस साल पहले विश्व का पहला टेक्स्ट मेसेज (एसएमएस) भेजने वाले ब्रिटिश सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने कहा कि वह इस बात से चकित हैं कि किस तरह यह प्रौद्योगिकी यहां तक विकसित हो...
बीस साल पहले विश्व का पहला टेक्स्ट मेसेज (एसएमएस) भेजने वाले ब्रिटिश सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने कहा कि वह इस बात से चकित हैं कि किस तरह यह प्रौद्योगिकी यहां तक विकसित हो गई। इंजीनियर नील पापवर्थ को संयोगवश मैरी क्रिसमस संदेश ब्रिटिश दूरसंचार कंपनी वोडाफोन के निदेशक को भेजने के लिए चुना गया था। नील ने संबंधित साफ्टवेयर विकसित करने पर काम किया था।
नील ने कहा कि दरअसल वोडाफोन पेजिंग में सुधार के लिए एक प्रौद्योगिकी विकसित करना चाहती थी और तब किसी को यह अहसास नहीं था कि यह दूरसंचार संस्कति को कैसे हमेश हमेशा के लिए बदल देगा। ब्रिटेन में पिछले ही साल 150 अरब टेक्स्ट संदेश भेजे गए।
उन्होंने बीबीसी से कहा कि उन दिनों उन्होंने सोचा कि यह एक्जक्यूटीव पेजर की तरह इस्तेमाल होगा। तीन दिसंबर, 1992 को वह 22 साल के थे और दक्षिण पूर्व इंग्लैंड के न्यूबरी में वोडाफोन के दफ्तर में एसएमएस पर काम कर रहे थे। उन दिनों मोबाइल फोन कीबोर्ड नहीं था अतएव उन्होंने कंप्यूटर कीबोर्ड पर संदेश टाइप किया।