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फेडरर की नजरें 18वें ग्रैंड स्लेम पर

रोजर फेडरर जब विंबलडन में उतरेंगे तो उनकी नजरें अपना 18वां ग्रैंड स्लेम खिताब जीतने पर रहेंगी लेकिन नोवाक जोकोविच, राफेल नडाल और एंडी मरे उनकी इस मुहिम की हवा निकाल सकते...

फेडरर की नजरें 18वें ग्रैंड स्लेम पर
Sun, 23 Jun 2013 02:25 PM
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टेनिस इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में शुमार स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर सोमवार को जब यहां विंबलडन में उतरेंगे तो उनकी नजरें अपना 18वां ग्रैंड स्लेम खिताब जीतने पर रहेंगी लेकिन नोवाक जोकोविच, राफेल नडाल और एंडी मरे उनकी इस मुहिम की हवा निकाल सकते हैं।
    
सात बार के विंबलडन चैंपियन और दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फेडरर अपना आखिरी ग्रैंड स्लेम पिछले साल विंबलडन में ही जीता था। लेकिन इस सत्र में उन्हें कापकी संघर्ष करना पड़ा है और वह अब तक केवल एक खिताब जीत पाए हैं। फेडरर फ्रेंच ओपन में भी क्वार्टरफाइनल में हार गए थे।
    
लेकिन ग्रास कोर्ट पर 31 वर्षीय फेडरर किसी भी युवा खिलाड़ी पर भारी पड़ सकते हैं। इसका नमूना पिछले सप्ताह हाले के फाइनल में देखने को मिला जब स्विस मास्टर ने रूस के मिखाइल यूजनी को 6-0, 6-0 से चारों खाने चित कर दिया था। हालांकि फेडरर की राह इस बार कतई आसान नहीं है।
    
शुक्रवार को निकाले गए पुरुष एकल के ड्रॉ के मुताबिक तीसरी वरीयता प्राप्त फेडरर का क्वार्टरफाइनल में नडाल से और फिर सेमीफाइनल में मरे से सामना हो सकता है। फेडरर ने पिछले साल फाइनल में मरे को हराकर खिताब जीता था।
    
दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी और 2011 के चैंपियन सर्बिया के जोकाविच की फाइनल तक ही राह आसान है। उनके सामने सेमीफाइनल तक फेडरर, नडाल और मरे की चुनौती नहीं रहेगी। अगर कोई उलटफेर नहीं हुआ तो जोकोविच का कवार्टरफाइनल में सातवीं सीड चेक गणराज्य के टॉमस बर्डिच से सामना हो सकता है।
    
विश्व के चौथे नंबर के खिलाडी स्पेन के डेविड फेरर को भी इसी हाफ में रखा गया है। छह ग्रैंड स्लेम खिताबों के विजेता जोकोविच के सामने पहले दौर में जर्मनी के फ्लोरियन मेयर की चुनौती रहेगी जबकि फेडरर के पहले दौर में रोमानिया के विकटर हनेस्कू से भिडेंगे।
    
बारह ग्रैंड स्लेम जीत चुके नडाल को पिछले साल विंबलडन के दूसरे ही राउंड में सनसनीखेज शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इसके बाद वह घुटने की चोट के कारण वह सात महीने कोर्ट से बाहर रहे थे। लेकिन गत फरवरी में वापसी करने के बाद से वह फ्रेंच ओपन सहित सात खिताब जीते हैं और उनकी चुनौती को कतई हल्के में नहीं लिया जा सकता।
    
फ्रेंच ओपन में रिकॉर्ड आठवीं बार चैंपियन बनने के बाद नडाल की नजर अब तीसरी बार विंबलडन चैंपियन बनने पर है। वह 2008 और 2010 में यहां खिताब जीत चुके हैं। पांचवीं सीड नडाल बेल्जियम के स्टीव डारसिस के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगे।

टेनिस जगत में फेडरर, नडाल और जोकोविच की तिकड़ी का कितना दबदबा है इसे इस बात से ही समझा जा सकता है कि पिछले 33 में से 31 ग्रैंड स्लेम खिताब इन तीनों खिलाड़ियों ने ही जीते हैं। इस दौरान केवल दो खिलाड़ी ही इस दबदबे में सेंध लगा पाए हैं और वो हैं मरे और अर्जेंटीना के जुआन मार्टिन डेल पोत्रो।
    
डेल पोत्रो ने साल 2009 में यू एस ओपन के फाइनल में फेडरर को हराया था जबकि मरे पिछले साल जोकोविच को हराकर यह खिताब जीता था। विश्व के दूसरे नंबर के खिलाड़ी मरे पहले दौर में दुनिया के 95वें नंबर के खिलाड़ी जर्मनी के बेंजामिन बेकर से भिडेंगे।
    
मरे फ्रेंच ओपन में नहीं खेले थे लेकिन हाल में उन्होंने एक वॉर्म अप टूर्नामेंट जीतकर अपनी फिटनेस साबित की थी। मरे पिछले साल विंबलडन के फाइनल में पहुंचे थे और उसके बाद उन्होंने इसी कोर्ट पर ओलंपिक का स्वर्ण पदक जीता था।
    
यूएस ओपन चैंपियन मरे अगर विंबलडन का खिताब जीतने मेंसफल रहते हैं तो वह 77 सालों में यह ट्रॉफी उठाने वाले ब्रिटेन के पहले खिलाड़ी होंगे। साल 1936 में फ्रेड पैरी ने यह प्रतिष्ठित खिताब जीता था लेकिन उसके बाद ब्रिटेन का कोई खिलाड़ी यह सम्मान हासिल नहीं कर सका है।
    
फेडरर, जोकोविच, नडाल और मरे के अलावा फेरर, फ्रांस के जो विल्फ्रेड सोंगा, चेक गणराज्य के टॉमस बेर्डिच, डेल पोत्रो, फ्रांस के रिचर्ड गास्के और क्रोएशिया के मॉरिन सिलिच भी खिताब जीतने की क्षमता रखते हैं। लेकिन उनके लिए फेडरर, जोकोविच, नडाल और मरे से पार पाना आसान नहीं होगा।

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