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हाईवे पर यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा क्यों नहीं उठा रहीं टोल कंपनियां?

बुलंदशहर में हाईवे पर गैंगरेप की घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं। मसलन, जो कंपनियां अच्छी सड़क और बेहतर सुविधा के नाम पर भारी-भरकम टोल वसूलती हैं, वो बदले में यात्रियों को क्या देती हैं। यात्रियों की...

हाईवे पर यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा क्यों नहीं उठा रहीं टोल कंपनियां?
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 21 Aug 2016 10:24 AM
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बुलंदशहर में हाईवे पर गैंगरेप की घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं। मसलन, जो कंपनियां अच्छी सड़क और बेहतर सुविधा के नाम पर भारी-भरकम टोल वसूलती हैं, वो बदले में यात्रियों को क्या देती हैं। यात्रियों की जानमाल की रक्षा किसकी जिम्मेदारी है? जो नियम कायदे बने हैं उनका पालन कराना किसकी जिम्मेदारी है?

ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एक अधिकारी से जानने की कोशिश की तो उनका कहना था, नियमत: राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रियों की सुरक्षा और आपात स्थिति में त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी टोल वसूलने वाली कंपनी की होती है।

बुलंदशहर गैंगरेप से चर्चा में आए हाईवे (एनएच-91) के संदर्भ में उन्होंने बताया, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) व निर्माण कंपनी में करार के तहत अगले 24 साल तक सड़क यात्रियों से टोल लिया जाएगा। इसके तहत यात्रियों को क्या सुविधाएं दी जानी हैं इसका करार में उल्लेख है। निर्माण कंपनी पिछले साल से टोल वसूल रही है।

उन्होंने माना कि अधिकांश एनएच पर करार के तहत यात्रियों को सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। निर्माण कंपनियां नियमों का पालन नहीं करतीं और सरकार भी सख्ती नहीं करती।

निर्माण कंपनी की जिम्मेदारी
- पेट्रोलिंग की व्यवस्था के साथ टोल प्लाजा पर कंट्रोल रूम बनाए
- एनएच बनाने करने वाली कंपनी का खुद का टेलीकॉम सिस्टम हो
- हाईवे के किनारे बूथ हों जहां से फोन करके कोई भी जरूरत पड़ने पर कंट्रोल रूम से मदद ले सके

एनएचएआई भी पूरी तरह बेपरवाह
करार में तय यात्री सुविधाओं की निगरानी की जिम्मेदारी एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर की होती है। इसकी मासिक रिपोर्ट सड़क परिवहन मंत्रालय व एनएचएआई को भेजी जानी चाहिए। लेकिन इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है।

ये सुविधाएं जरूरी
- हाईवे पर एंबुलेंस में पैरामेडिकल स्टाफ, चिकित्सीय उपकरण व डॉक्टर होने चाहिए ताकि दुर्घटना की स्थिति में मदद मिल सके।
- एनएच पर मेडिकल एड पोस्ट हो जिसमे जीवन रक्षक दवाइयां उपलब्ध कराने की सुविधा हो।
- एनएच के किनारे रोशनी की व्यवस्था, सीसीटीवी कैमरे, क्रेन की व्यवस्था करना कंपनी की जिम्मेदारी।

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