अब आपका स्मार्टफोन बनेगा डॉक्टर, घर पर ही बताएगा कैंसर है या नहीं
कैंसर उन जानलेवा बीमारियों में शामिल है जिनका फर्स्ट स्टेज में पता नहीं चलने के कारण आपकी जान भी चली जाती है। अब वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स को एक ऐसा स्मार्टफोन बनाने में सफलता मिली
कैंसर उन जानलेवा बीमारियों में शामिल है जिनका फर्स्ट स्टेज में पता नहीं चलने के कारण आपकी जान भी चली जाती है। अब वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स को एक ऐसा स्मार्टफोन बनाने में सफलता मिली है जो कैंसर का 99 फीसदी सटीक पता लगता है।
इस स्मार्टफोन बनाने वालों का दावा है कि स्पेक्ट्रोमीटर से युक्त यह डिवाइस सस्ता और पोर्टेबल है। यह डिवाइस हमारे बॉडी में इंटरल्यूकिन-6 (आइएल-6) का पता लगा सकती है। आइएल-6 को फेफड़ों, लिवर, प्रोस्टेट और ब्रेस्ट कैंसरों के बायोमार्कर के तौर पर जाना जाता है।
आपको बता दें कि पहले से भी कुछ स्मार्टफोन में स्पेक्ट्रोमीटर है लेकिन ये एक बार सिर्फ एक ही सैंपल जांच सकते हैं। इसलिए इसकी सटीकता का अनुमान ज्यादा कारगर नहीं होता है। वहीं वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का दावा है कि 'इस स्मार्टफोन में आठ चैनलों वाला स्पेक्ट्रोमीटर है। इसलिए हम एकसाथ आठ सैंपलों को जांच सकते हैं और आठ अलग-अलग टेस्ट कर सकते हैं। इससे हमारे डिवाइस की एफिशेन्सी बढ़ेगी।' आपको बता दें कि स्पेक्ट्रोमीटर किसी सैंपल के लाइट स्पेक्ट्रम में केमिकल्स के प्रकार और उनकी मात्रा नापता है।
गौरतलब है कि इस स्मार्टफोन की रिसर्च हाल में ही 'बायोसेंसर्स ऐंड बायोइलेक्ट्रॉनिक्स' जर्नल में प्रकाशित हुई है। रिसर्चर्स के अनुसार इस डिवाइस से ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर डॉक्टरों को काफी फायदा मिलेगा जो अपने साथ पूरी लैब लेकर नहीं चल सकते हैं।
अगली स्लाइड में पढ़िए स्किन कैंसर बताने वाले एप के बारे में
अब आपका स्मार्टफोन बनेगा डॉक्टर, घर पर ही बताएगा कैंसर है या नहीं
SkinVision नाम का ये एप अमेरिका और यूरोप में काफी चलन में है। ये एप एक अवेयरनेस मोबाइल ऐप्लिकेशन है जो आपकी स्किन में आ रहे बदलाव को ट्रैक करने में आपकी मदद करता है। ये आपको समय-समय पर आपकी स्किन के पॉजिटिव और नेगेटिव बदलावों की जानकारी देता रहता है। हालांकि हम आपको बता दें कि ये सिर्फ इतना ही एक्यूरेट है कि कैंसर के रिस्क के बारे में बता सके, कन्फर्म कराने के लिए आपको टेस्ट तो कराने ही होंगे।
कैसे करें इस्तेमाल
इस एप को ऑन करके फोन के कैमरे से स्किन के उस हिस्से की तस्वीर लें जहां आपको बदलाव नज़र आ रहा है। इस फोटो का एनालिसिस करने के बाद एप आपको कई तरह के रेमेंडेशन देगा। बता दें कि SkinVision ऐप आपको पिक्चर्स आर्काइव करने की भी सुविधा देता है। इससे आप स्किन में आ रहे चेंजेस की फोटोज आर्काइव करके डॉक्टर को दिखा सकते हैं।
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स्किन कैंसर का बढ़ रहा है खतरा
एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में करीब 35 लाख लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं। और हर साल करीब 20 लाख लोग इस बीमारी का इलाज करवाते हैं। त्वचा कैंसर पैदा करने वाला मेलानोमा में पिछले चार दशकों में 800 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है। इसी के चलते 25 और 29 के आयु वर्ग की महिलाओं के बीच यह सबसे आम कैंसर बना गया है।
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