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पदोन्नति में आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन के प्रयासों पर बवाल, सर्वजन हिताय संरक्षण समिति ने किया आरपार की लड़ाई

प्रमुख संवाददाता - राज्य मुख्यालयपदोन्नति में आरक्षण के संबंध में संविधान में संभावित संशोधन को लेकर एक बार फिर से बवाल खड़ा हो गया है। उत्तर प्रदेश सर्वजन हिताय संरक्षण समिति ने इस मुद्दे को लेकर...

पदोन्नति में आरक्षण के लिए संविधान में संशोधन के प्रयासों पर बवाल, सर्वजन हिताय संरक्षण समिति ने किया आरपार की लड़ाई
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 28 Sep 2016 07:56 PM
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प्रमुख संवाददाता - राज्य मुख्यालय

पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में संविधान में संभावित संशोधन को लेकर एक बार फिर से बवाल खड़ा हो गया है। उत्तर प्रदेश सर्वजन हिताय संरक्षण समिति ने इस मुद्दे को लेकर आर-पार की लड़ाई की घोषणा की है। साथ ही 11 नवम्बर को लखनऊ में विशाल रैली कर शक्ति प्रदर्शन करने का ऐलान भी किया है।

बुधवार को लखनऊ के विश्वेशरैय्या भवन में प्रस्तावित संशोधन के विरोध में समिति द्वारा आयोजित प्रान्तीय सम्मेलन में कमोबेश सारे वक्ताओं ने साफ कहा कि संविधान के 117 वें संशोधन के द्वारा उनके हक पर कुठाराघात किया जा रहा है।

समिति के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि केन्द्र सरकार पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए 117 वें संविधान संशोधन बिल को पारित कराने की कोशिश में है जिसका हर स्तर पर न सिर्फ प्रबल विरोध किया जाएगा बल्कि करो या मरों की भावना लेकर इस बार निर्णायक लड़ाई लड़ी जाएगी। इस लड़ाई में छोटे से छोटे कर्मचारी से लेकर हर स्तर के अधिकारी भी शामिल हैं क्योंकि सभी का वाजिब हित हर तरीके से प्रभावित हो रहा है।

सम्मेलन में एक सुर में तय होने के बाद संबंधित प्रकरण में प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा गया जिसमें उनसे तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई है। पत्र में प्रधानमंत्री से यह भी मांग की गई है कि व्यापक राष्ट्रहित में पदोन्नति में आरक्षण समाप्त करने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान किया जाए और राज्यसभा में पारित 117 वें संविधान संशोधन बिल को पूरी तरह से निरस्त किया जाए। श्री दुबे ने कहा कि प्रधानममंत्री को भेजे जा रहे पत्र में लिख दिया गया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने की कोशिश की गई तो इससे न केवल सामाजिक समरसता बिगड़ेगी बल्कि व्यापाक प्रशासनिक अराजकता भी फैलेगी जो देशहित में नहीं होगा।

सम्मेलन में केन्द्र सरकार द्वारा गठित संसदीय पैनल की रिपोर्ट रखी गई जिसमें 117 वें संविधान संशोधन बिल को अतिशीघ्र पारित कराने की अनुशंसा की गई है। वक्ताओं ने बताया कि संसदीय पैनल की रिपोर्ट केन्द्र सरकार ने बीते 11 अगस्त को लोकसभा व राज्यसभा में प्रस्तुत कर दी है। इसके शीतकालीन सत्र में पारित होने की संभावना है। लिहाजा सम्मेलन के माध्यम से समिति की ओर से केन्द्र सरकार को चेताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को निष्प्रभावी करने के किसी कदम का कड़ा विरोध किया जाएगा। संसदीय पैनल की रिपोर्ट के खिलाफ इस दौरान जमकर नारेबाजी भी हुई।

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