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बाढ़ से राष्ट्रीय राजमार्गों पर पड़े गड्ढे, ग्रामीण सड़कों का और भी बुरा हाल

बिहार में बाढ़ ने राजमार्ग से लेकर गांव तक की सड़कों को बड़ी क्षति पहुंचायी है। पानी नहीं उतरने के कारण राजकीय राजमार्गों का अभी आकलन नहीं हो पाया है। आधा दर्जन राष्ट्रीय राजमार्ग बुरी तरह से...

बाढ़ से राष्ट्रीय राजमार्गों पर पड़े गड्ढे, ग्रामीण सड़कों का और भी बुरा हाल
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 28 Aug 2016 09:31 PM
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बिहार में बाढ़ ने राजमार्ग से लेकर गांव तक की सड़कों को बड़ी क्षति पहुंचायी है। पानी नहीं उतरने के कारण राजकीय राजमार्गों का अभी आकलन नहीं हो पाया है। आधा दर्जन राष्ट्रीय राजमार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं। ग्रामीण सड़कों का तो और बुरा हाल है।
 पूरे राज्य में हजारों ग्रामीण सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। यह अभी प्रारंभिक आकलन है। पूरी तरह पानी उतरने के बाद जब आकलन होगा तो स्थिति और गंभीर दिख सकती है।

सड़कों को तत्काल मोटरेबुल बनाने में सरकार जुटी
बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों को तत्काल मोटरेबुल बनाने में सरकार जुट गई है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) बाढ़ का पानी चढ़ने से खराब हुई सड़कों में बने गड्ढों को तत्काल भरकर वाहन चलने लायक बना रहा है। उम्मीद है सोमवार से इन सड़कों पर वाहन चलने लगेंगे। बाद में स्वीकृति लेकर इनकी मरम्मत की जाएगी।  

पांच एनएच पर बह रहा था पानी
बाढ़ से राज्य की पांच राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर पानी ऊपर से बहने लगा था। कुछ सड़कों पर तो चार से पांच फीट तक पानी था। एनएच की ये सड़कें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई हैं। बाढ़ के दौरान तो यातायात बाधित था ही पानी उतरने के बाद भी ये सड़कें वाहन चलाने लायक नहीं हैं। कुछ सड़कों पर दस से पन्द्रह किमी की दूरी तक बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। साथ ही कुछ सड़कें 10 किमी की दूरी में पूरी तरह से उखड़ गई हैं। इसके अलावा कुछ सड़कों पर लबालब पानी होने से उनके फुटपाथ को नुकसान पहुंचा है।

एनएचएआई के अधिकारियों ने इन सड़कों का आकलन कर लिया है। आकलन के साथ ही तात्कालिक मरम्मत का काम भी चल रहा है। बख्तियारपुर से मोकामा तक की सड़क पर रविवार को ही वाहन चलने लगे। इसी तरह आरा-बक्सर और छपरा-हाजीपुर पर भी सोमवार तक वाहन चलने लगेंगे। ये सड़कें लंबी दूरी में पूरी तरह से उखड़ गई थीं। हालांकि इनकी ठीक से मरम्मति में अभी समय लगेगा। इसके लिए एनएचएआई को स्टीमेट बनाकर मंत्रालय से स्वीकृति लेनी होगी, लेकिन तब तक वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। 

बाढ़ का पानी घटने के बाद ग्रामीण सड़कों की होगी मरम्मत
बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में ग्रामीण सड़कों की बड़े पैमाने पर क्षति हुई है। पूरे राज्य में 1017 सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इससे कई जगहों का आवागमन बंद हो गया है। ग्रामीण कार्य विभाग के अनुसार छपरा, वैशाली, पटना, मुंगेर, लखीसराय, भागलपुर, कटिहार, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भोजपुर, बक्सर जिले में बाढ़ से सड़कें अधिक क्षतिग्रस्त हुई हैं।

भोजपुर में 141 किलोमीटर, पटना में 117 किलोमीटर, भागलपुर में 74 किलोमीटर, पूर्णिया में 135, कटिहार में 140, किशनगंज में 108, छपरा में 107 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें टूटी हैं। यह रिपोर्ट तीन-चार दिनों पूर्व की है। क्षतिग्रस्त सड़कों की पूरी सूची अभी आनी बाकी है। बाढ़ समाप्त होने के बाद ही क्षतिग्रस्त सड़कों की पूरी सूची तैयार होगी। कई सड़कें पानी की तेज धारा में बह गईं। कई सड़कों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। खासकर पूर्णिया, भागलपुर, कटिहार की सड़कों की स्थिति काफी दयनीय है।

ग्रामीण कार्य विभाग ने सभी जिले के कार्यपालक अभियंताओं को सख्त निर्देश भेजा है कि बाढ़ का पानी घटते ही क्षतिग्रस्त सड़कों की रिपोर्ट तैयार करें और उसे मुख्यालय भेजें, ताकि इसकी पूरी सूची केन्द्र सरकार को भेजी जाए। विभाग का आकलन है कि क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत में करीब 200 करोड़ लगेगा। विभाग के मुख्य अभियंता विश्वनाथ चौधरी ने बताया कि जो सड़कें पूरी तरह बाढ़ में बह गई  हैं, वहां नए सिरे से निर्माण होगा।  

छपरा-पटना रोड का बच गया अवशेष
छपरा-पटना मुख्य मार्ग (नेशनल हाईवे 19) पर से बाढ़ का पानी कई स्थानों से उतरा तो फोरलेन में परिवर्तित हो रही इस सड़क को एकबारगी पहचानना भी मुश्किल हो रहा है। जहां-जहां इस रोड पर पानी चढ़ा था, वहां-वहां इस सड़क का अवशेष भर बच गया है। हालांकि मुसेपुर से दिघवारा तक व डुमरी से छपरा तक इक्का-दुक्का टेम्पो का परिचालन रविवार से शुरू हुआ है। डुमरी में एक फुट पानी अब भी लगभग 50 फुट की दूरी में सड़क से गिर रहा है। वहीं फोरलेन की यह सड़क कई जगहों पर पूरी तरह क्षतिग्रस्त और जर्जर हो चुकी है। सिंगही में फोरलेन सड़क पर निर्मित पुल के पास सड़क पूरी तरह टूट गई है । मनइया पुल का उत्तरी छोर दब गया है  और अवतार नगर थाने के पास उत्तरी हिस्सा वाला पुल ध्वस्त हो गया है। इससे फि़लहाल बड़े वाहनों के परिचालन में कठिनाई होगी। फोरलेन निर्माण कंपनी के मजदूरों द्वारा रोड चालू करने के लिए सड़क मरम्मत व सड़क पर फैले मेटल को जेसीबी से हटाया जा रहा है।

 
बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़कों का आकलन किया जा रहा है। जिलों से पूरी रिपोर्ट आने के बाद बरसात बाद मरम्मत का कार्य शुरू होगा। 

- शैलेश कुमार, मंत्री, ग्रामीण कार्य विभाग 

बाढ़ से खराब हुई एनएच
एनएच 31- बख्तियारपुर -मोकामा
एनएच 84 - आरा-बक्सर
एनएच 80 - मोकामा-मुजफ्फरपुर
एनएच 19 - छपरा-हाजीपुर
एनएच 85 -छपरा- गोपालगंज


 
 

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