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आपको रखें स्वस्थ, सेहत के संकल्प

नया साल शुरू हो चुका है। इस वक्त आप कई तरह के संकल्प लेते हैं। लेकिन क्या आपने कभी अपनी सेहत के लिए संकल्प लिया है? शायद...

आपको रखें स्वस्थ, सेहत के संकल्प
Wed, 02 Jan 2013 01:17 PM
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नया साल शुरू हो चुका है। इस वक्त आप कई तरह के संकल्प लेते हैं। लेकिन क्या आपने कभी अपनी सेहत के लिए संकल्प लिया है? शायद नहीं! तो इस बार कुछ ऐसे संकल्प क्यों नहीं लेते, जिससे आपकी सेहत दुरुस्त रहे और आप रहें हरदम खिले-खिले! नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के डॉ. अनिल बंसल और हेल्थ एंड वेलनेस एक्सपर्ट डॉ. शिखा शर्मा ने सत्य सिंधु को बताया कि इस बार आप अपनी सेहत के लिए क्या-क्या संकल्प ले सकते हैं।

हम हर साल कुछ खास करने का संकल्प लेते हैं, साल के प्रारम्भ में प्रण लेते हैं कि इस साल कुछ खास हासिल करेंगे। लेकिन सेहत, जिसके बिना हम कुछ नहीं कर सकते, उसके बारे में प्राय: ऐसा प्रण नहीं लेते। न तो व्यायाम की अहमियत को समझ पाते हैं और न ही समय पर खानपान, अच्छी नींद व कुछ अन्य प्रमुख आदतों में सुधार की जरूरत को महसूस कर पाते हैं। हमारे सोने-जागने का समय तक नियमित नहीं हो पाता और न ही संतुलित खानपान का खयाल रहता है। इससे सेहत से संबंधित तरह-तरह की समस्याएं हमें समय-समय पर परेशान करती रहती हैं। साल की शुरुआत हो चुकी है। अगर हम इस बार अपनी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए कुछ संकल्प लें तो निश्चित रूप से एक स्वस्थ जीवन जी सकेंगे।

अच्छी नींद
6 से 8 घंटे की नींद अच्छी सेहत के लिए जरूरी है। अगर आप अच्छी नींद नहीं ले पाते हैं तो स्मरण शक्ति में ह्रास होता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, भूख कम लगती है, डिप्रेशन आदि की समस्या आती है और उसके बाद कई तरह की बीमारियां आपको अपने चंगुल में लेने की कोशिश कर सकती हैं। इसलिए अपनी जरूरत के अनुसार पूरी नींद लें। यह मौसम बच्चों के पढ़ने का मौसम भी है, क्योंकि मार्च-अप्रैल में कई परीक्षाएं होती हैं। उस दौरान बच्चे परीक्षा की तैयारी के लिए रात में काफी देर तक जागते हैं। उन्हें लगता है कि ज्यादा देर तक जागने से वे ज्यादा पढ़ लेंगे। लेकिन ऐसा होता नहीं। इसका उल्टा असर पड़ता है और ऐसा करने से उस दौरान खासकर वे भूलने की समस्या से परेशान दिखते हैं। इसलिए ऐसे बच्चे अभी से प्रण लें कि परीक्षा की तैयारी आज से ही शुरू कर देंगे ताकि कभी भी उन्हें रात-रात भर जागने की जरूरत महसूस न हो।

धूम्रपान और तंबाकू
अगर आप रोजाना 20 सिगरेट 20 सालों तक लेते हैं तो आपका लंग यानी फेफड़ा खराब होना निश्चित है। ऐसे में आपके लिए पूरा जीवन जी पाना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए इस बार प्रण लें कि धूम्रपान नहीं करेंगे और न ही तंबाकू का सेवन करेंगे। आप ये न सोचें कि यह समस्या 20 साल सिगरेट सुलगाने के बाद आएगी, इसका असर तो पहले ही शुरू हो जाएगा और आपके सामने मुश्किलें आने लगेंगी। तो ऐसी चीज का सेवन ही क्यों किया जाए जो इतनी घातक है। इतना ही नहीं, धूम्रपान से कैंसर, हार्ट अटैक आदि की आशंका भी काफी बढ़ जाती है। तंबाकू उत्पादों के सेवन से तो मुंह का कैंसर होता ही है, काफी संख्या में लोग अपने प्राण से हाथ धोते हैं।

आपको पी जाती है शराब
ड्रिंक यानी नशीले पदार्थ का सेवन भी हमारी सेहत के लिए कितना नुकसानदेह है, यह हम सभी जानते हैं। तो फिर आप इस बार नए साल के लिए यह प्रण क्यों नहीं लेते कि ड्रिंक को भी बाय-बाय कहेंगे। यकीन मानिए, अगर ऐसा कर पाएंगे तो आपके जीवन में खुशियां दोगुनी हो जाएगी। अगर ऐसा कर पाना असंभव लगे तो कम से कम उसकी मात्रा सीमित करने का प्रण तो ले ही लें। लेकिन जो भी प्रण लें, अपनी सेहत की खातिर उस पर अड़े रहें। यह सीमित मात्रा अधिक से अधिक एक से दो पैग की हो सकती है। इच्छा शक्ति को मजबूत करेंगे तो इस आदत को भी छोड़ना कोई मुश्किल काम नहीं होगा।

साफ-सफाई का ध्यान रखेंगे
शरीर, कपड़े, बिस्तर और घर साफ हो तो मन भी काफी हल्का, प्रसन्न महसूस करता है और आपके व्यक्तित्व में ताजगी दिखती है। तो फिर क्यों न साफ-सफाई का भी ध्यान रखने का प्रण लिया जाए। रोज स्नान, साफ कपड़े, खाने के पहले और टॉयलेट के बाद अच्छी तरह हाथों की सफाई आदि में कहीं लापरवाही कर जाते हैं तो अब ऐसा नहीं करेंगे, यह प्रण भी अपकी सेहत को बेहतर रखेगा और मन को खुश। साफ-सफाई के तहत घर के आसपास की भी सफाई शामिल हो जाती है। विशेष आयोजनों में खुले में कूड़ा फेंकने की आदत हो या खुले में शौच की, यह आपके घर की साफ-सफाई पर भी काफी बुरा असर डालती है और आखिरकार आपकी सेहत पर बैक्टीरिया का हमला होता है। तो क्यों न आसपास की सफाई का भी पूरा खयाल रखा जाए। खासकर मानसून जैसे मौसम में तो यह और जरूरी हो जाता है।

हेल्थ चेकअप जरूर कराते रहेंगे
आपकी गाड़ी या बाइक में थोड़ी सी भी गड़बड़ी आ जाए तो आपको पता चल जाता है और आप उसका इलाज करवा लेते हैं, लेकिन हम अपने शरीर के साथ ऐसा नहीं करते। उसमें भी कई बार कुछ-कुछ समस्याएं आती रहती हैं जिसका हमारा शरीर संकेत देता है। लेकिन हम तब तक उसकी बात नहीं सुनते, जबकि तक कि वह जवाब न दे दे। हम समझते हैं कि बिना बीमार पड़े डॉक्टर के पास जाने की क्या जरूरत है। हमारी यह सोच हमारी सेहत के लिए काफी घातक साबित होती है। इसलिए सेहत की नियमित जांच कराते रहने का प्रण लें। अगर आप पूरी तरह स्वस्थ हैं तो साल में एक बार किसी फिजिशियन के पास जाकर चेकअप कराना चाहिए कि कहीं अंदर कोई गड़बड़ी तो नहीं। शहरी जीवनशैली में डायबिटीज, बीपी जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। अगर आपको भी कोई ऐसी समस्या है तो हर छह माह में या डॉक्टर के निर्देशानुसार नियमित जांच करवाने में लापरवाही न बरतें। अपनी इच्छा से कोई दवा लेने से बचें, क्योंकि इसके दुष्प्रभाव भी होते हैं, जो आपकी सेहत को और अधिक बिगाड़ सकते हैं।

साल में एक बार घूमने जाएं
घूमने को हम आमतौर पर शौक से जोड़कर देखते हैं, जबकि सेहत पर इसका काफी अच्छा असर पड़ता है। शरीर को नई ऊर्जा और मन को नई स्फूर्ति के लिए उसे मनोरंजन की भी जरूरत पड़ती है। यह मनोरंजन अपनी-अपनी हॉबी से भी होता है, लेकिन साल में कम से कम एक बार दोस्तों या परिवार के साथ कहीं बाहर घूमने का अनुभव आपकी स्मृतियों में बसकर काफी समय तक आपका मनोरंजन करता रहता है।

व्यायाम को नजरअंदाज न करें
नियमित रूप से मॉर्निंग वॉक जरूर करें। यह आपकी क्षमता के अनुसार 2 से 5 किलोमीटर की हो सकती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि मॉर्निंग वाक एक गति में हो और जब आप घर लौटें तो आपको थोड़ा-थोड़ा पसीना आ रहा हो। जॉगिंग पसंद है तो वाकिंग के साथ ही जॉगिंग कर लें। आपके आवास के आसपास स्विमिंग या ऐसी कोई जगह है जहां तैराकी की सुविधा है तो स्विमिंग भी बहुत अच्छा व्यायाम है। आपके लिए क्या सुविधाजनक है, उसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने का प्रण ले सकते हैं।

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